नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) की स्‍थापना- प्रधानमंत्री

नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) की स्‍थापना- प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा स्‍वतंत्रता दिवस पर की गई महत्‍वपूर्ण घोषणा के अनुरूप केन्‍द्र सरकार ने आज योजना आयोग के स्‍थान पर नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान) की स्‍थापना की। सरकार ने यह कदम राज्‍य सरकारों, विशेषज्ञों तथा प्रासंगिक संस्‍थानों सहित सभी हितधारकों से व्‍यापक विचार विमर्श के बाद उठाया है।

      नीति आयोग विकास प्रक्रिया में निर्देश और रणनीतिक परामर्श देगा।

 केंद्र से राज्यों की तरफ चलने वाले एक पक्षीय नीतिगत क्रम को एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रुप में राज्यों की वास्तविक और सतत भागीदारी से बदल दिया जाएगा।

 नीति आयोग राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देगा।

 नीति आयोग ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने के लिए तंत्र विकसित करेगा और इसे उत्तरोत्तर उच्च स्तर तक पहुंचाएगा। आयोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, प्रैक्टिशनरों तथा अन्य हितधारकों के सहयोगात्मक समुदाय के जरिए ज्ञान, नवाचार, उद्यमशीलता सहायक प्रणाली बनाएगा।

इसके अतिरिक्‍त आयोग कार्यक्रमों और नीतियों के क्रियान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण पर जोर देगा।

आयोग निम्‍नलिखित उद्देश्‍यों की पूर्ति करेगा:

  • नये भारत को एक प्रशासनिक बदलाव की जरूरत है, जिसमें सरकार एक ‘सक्षमकारी’ होगी न कि पहला और आखिरी सहारा।
  • खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर कृषि उत्‍पादन के मिश्रण तथा किसानों को उनकी उपज से मिलने वाले वास्‍तविक लाभ पर ध्‍यान केन्द्रित किया जायेगा।
  • भारत समान विचार वाले वैश्विक मुद्दों, खासकर जिन क्षेत्रों पर अपेक्षाकृत कम ध्‍यान दिया गया है, पर बहसों और विचार-विमर्शों में एक सक्रिय भूमिका अदा करेगा।
  • आर्थिक रूप से जीवंत मध्‍यवर्ग की भागीदारी बनाये रखने के लिए इसकी क्षमता का पूर्ण दोहन सुनिश्‍चित किया जायेगा।
  • उद्यमशीलता, वैज्ञानिक और बौद्धिक मानव पूंजी के भारत के भंडार का लाभ उठाया जाएगा।
  • प्रवासी भारतीय समुदाय की भौगोलिक-आर्थिक और भौगोलिक-राजनीतिक ताकत को शामिल किया जाएगा।
  • आधुनिक टेकनोलाजी के इस्‍तेमाल से संपूर्ण और सुरक्षित आवास सुविधा के लिए अवसर के रूप में शहरीकरण का इस्‍तेमाल किया जाएगा।
  • शासन में जटिलता और परेशानियों की संभावनाओं को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा।

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