• March 28, 2015

नीति आयोग में मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की पहली बैठक

नीति आयोग में मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की पहली बैठक

जयपुर -मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक एवं आर्थिक परिस्थितियाँ देश के अन्य राज्यों से भिन्न होने के कारण केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के निर्धारण एवं उनके लिए धन आवंटन में राज्य के विशेष हितों का ध्यान रखा जावे।

श्रीमती राजे शुक्रवार को नई दिल्ली के नीति भवन में आयोजित नीति आयोग में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं को तर्क संगत बनाने के लिए गठित मुख्यमंत्रियों के उपसमूह की पहली बैठक बोल रही थीं।

श्रीमती राजे ने कहा कि किसी भी केन्द्र प्रवर्तित योजना को समान रूप से समस्त राज्यों पर नहीं लागू किया जा सकता, क्योंकि देश के विभिन्न हिस्सों में विकास के लिए अलग-अलग प्रकार की जरूरतें हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा उन्नयन के लिए किसी केन्द्रीय योजना के क्रियान्वयन के लिए केरल एवं राजस्थान के लिए समान दिशा-निर्देश उचित नहीं हैं, क्योंकि जहां केरल शिक्षा के क्षेत्र में काफी अग्रणी है, वहीं राजस्थान को इस क्षेत्र में और कार्य करना है। श्रीमती राजे ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा राजनैतिक हितों के अनुसार केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं का उपयोग किया जाता रहा है। अत: इस व्यवस्था को तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने ”मीनू अप्रोचÓÓ की चर्चा करते हुए कहा कि सभी राज्यों को अपने हितों के अनुसार केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं को चुनने का हक होना चाहिए, ताकि वे अपने विकास के मुद्दों को हल कर सकें।

श्रीमती राजे ने सुझाव दिया कि जब क्षेत्र विशेष के लिए योजनाओं का निर्माण किया जाता है, तो उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा जाना चाहिए। एक, ऐसी योजनाएं जो सभी राज्यों के लिए उपयुक्त हों, दूसरे, राज्यों के समूहों के लिए समान योजनाएं, जैसे उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए समान योजना और तीसरे, राज्य विशेष के लिए अलग से योजनाएं, जैसे लाडली लक्ष्मी योजना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग के अन्तर्गत केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की पुर्नसंरचना के लिए बनाए गए उपसमूह को राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी अभिशंषाएं प्रस्तुत करनी चाहिए। बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही राज्य के मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन, आयोजना सचिव श्री अखिल अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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