- July 9, 2015
नि:शक्तजनों के कल्याण से जुड़े संस्थानों के निष्पादन की समीक्षा
इस बैठक में मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से प्रेरणा ग्रहण करते हुए देश के प्रत्येक नि:शक्त जन को एक विशेष पहचान (आईडी) उपलब्ध कराना शीघ्र आवश्यक है, ताकि शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और विशेष सेवाओं के क्षेत्र में उनकी मदद के लिए वैज्ञानिक संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
विभाग के अधीन सभी राष्ट्रीय संस्थानों ने पहली बार 10 लाख से भी अधिक लाभार्थियों के लिए पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य पूरा किया है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से आधुनिक सेवाएं प्रदान करने का निर्णय लिया गया ताकि पुनर्वास केन्द्रों में नि:शक्तजनों को उन्नत प्रौद्योगिकी वाले सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
इस वर्ष पटना, श्रीनगर, अहमदाबाद, भोपाल, कोझीकोड, गुवाहाटी और लखनऊ में संयुक्त क्षेत्रीय केन्द्रों के लिए नए भवनों की शुरूआत की जा रही है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शारीरिक विकलांग संस्थान (पीडीयूआईपीएच), नई दिल्ली ने पहली बार कुष्ठ रोग से ठीक हुए लोगों के लिए किटों और राष्ट्रीय मानसिक विकलांग संस्थान (एनआईएमएच), सिकंदराबाद ने मानसिक विकलांग बच्चों और छात्रों के लिए किटों की शुरूआत की हैं।