निर्यातकों के लिए शुल्क रियायतों का विस्तार करने की घोषणा

निर्यातकों  के लिए शुल्क रियायतों का विस्तार करने की घोषणा

निर्यात में आ रही गिरावट को देखते हुए सरकार ने निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत से वस्तुओं की निर्यात योजना (एमईआईएस) के तहत शुल्क रियायतों का विस्तार करने की आज घोषणा की। इसका दायरा बढ़ाते हुए खेल-कूद के सामान और चिकित्सा उपकरणों सहित निर्यात किए जाने वाले 110 उत्पादों तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि सरकार ने निर्यातों को ब्याज में रियायत देने का ऐलान नहीं किया, जबकि निर्यातक इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

इस साल 1 अप्रैल को उद्योग एवं व्यापार मंत्रालय द्वारा लागू एमईआईएस एक प्रकार का प्रोत्साहन है, जिसमें निर्यात मूल्य के कुछ निश्चित हिस्से को विभिन्न प्रकार के करों, जैसे- सीमा शुल्क, सेवा कर, उत्पाद शुल्क आदि की भरपाई में इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार ने  प्रोत्साहन को 2 से 5 फीसदी तक सीमित रखा है लेकिन कुछ उत्पादों, जैसे- औद्योगिक मशीनरी टूल्स, टेक्सटाइल, कागज आदि की दरों में इजाफा किया गया है।

सरकार ने लोहा, इस्पात, मूल धातुओं और चमड़ा उत्पादों जैसे अन्य उत्पादों के लिए प्रोत्साहन के लिए देश के दायरे का भी विस्तार किया है। इसके साथ ही कपड़ा उत्पादों, फार्मास्युटिकल्स, परियोजना वस्तुएं, वाहन कलपुर्जे, दूरसंचार, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रेल परिवहन उपकरणों पर शुल्क लाभ वैश्विक स्तर पर मिलेगा। अभी तक इन उत्पादों पर लाभ सिर्फ कुछ देशों में निर्यात पर ही दिया जाता था। 2,228 उत्पादों के लिए दरों में बढ़ोतरी या देशों का विस्तार या दोनों का लाभ दिया गया है।

निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष एस सी रलहन ने कहा कि एमईआईएस सूची में जिन नई वस्तुओं को शामिल किया गया है, उनका सालाना निर्यात में करीब 3 फीसदी योगदान है। उन्होंने कहा कि आज एमईआईएस में शामिल किए गए नए उत्पादों सहित पहले से मौजूद उत्पादों को मिलाकर कुल सालाना निर्यात का 55 फीसदी योगदान इन्हीं वस्तुओं का है। उन्होंने कहा कि निर्यात किए जाने वाले सभी वस्तुओं को एमईआईएस के दायरे में लाना चाहिए। इससे निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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