- April 25, 2015
निःशक्त व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को आय कर में राहत
वित्त मंत्रालय में राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 घघ में अन्य बातों के साथ किसी व्यष्टि अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार हेतु कटौती की व्यवस्था की गई है, जो भारत का निवासी हैः-
I. किसी आश्रित निःशक्त व्यक्ति के चिकित्सीय उपचार (नर्सिंग सहित), प्रशिक्षण और पुनर्वास हेतु खर्च करता है।
II. किसी निःशक्त आश्रित के अनुरक्षण हेतु किसी स्कीम के संबंध में जीवन बीमा निगम अथवा किसी अन्य बीमाकर्ता को राशि का भुगतान करता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि इस धारा में आश्रित व्यक्ति के निःशक्त होने पर पचास हजार रुपये की कटौती तथा गंभीर रूप से निःशक्त होने पर एक लाख रुपये की कटौती की व्यवस्था की गई है।
किसी व्यष्टि मामले “आश्रित” को व्यष्टि का पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई तथा बहन या इनमें से किसी के भी रूप में आशय देने हेतु परिभाषित किया गया है तथा किसी हिन्दू अविभाजित परिवार के मामले में हिन्दू अविभाजित परिवार का कोई सदस्य यदि ऐसा सदस्य पूर्ण रूप से या प्रमुख रूप से अपनी सहायता एवं अनुरक्षण हेतु ऐसे व्यष्टि या हिन्दू अविभाजित परिवार पर निर्भर है।
उन्होंने बताया कि निःशक्त व्यक्ति की चिकित्सीय देखभाल की बढ़ती कीमत और विशेष जरूरतों के मद्देनजर वित्त विधेयक 2015 में आयकर अधिनियम धारा 80 घ घ को संशोधित करने के प्रस्ताव किया जाता है ताकि निःशक्त व्यक्ति के संबंध के कटौती की सीमा को पचास हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये तथा गंभीर रूप से निःशक्त व्यक्ति के संबंध में एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक लाख 25 हजार रुपये कर दिया जाए।