• August 2, 2018

नाले की उत्सर्जित जल का चक्रियकरण नीति — डॉ. बनवारी लाल

नाले की उत्सर्जित जल का  चक्रियकरण नीति — डॉ. बनवारी लाल

159 नहर आधारित जलघर, 2002 टयुबवैल, 434 बुस्टिंग स्टेशन, 7738 किलोमीटर पाईपलाईन । शहरों मे 53 मल शोधन संयत्र लगाये गये है तथा 20 मल शोधन संयत्रों पर कार्य प्रगति में है।
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चंडीगढ़— हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य में जल को पुन: उपयोग करने के लिए रियूज ट्रीटीड वाटर पॉलिसी तैयार की जाएगी, ताकि राज्य में स्थापित थर्मल प्लांटस, उद्योगों, कृषि, बागवानी इत्यादि क्षेत्रों में, जहां बहुत अधिक मात्रा में पानी का उपयोग होता है, को ये रियूज ट्रीटीड वाटर सप्लाई किया जाएगा, जिससे पीने के पानी की बचत होगी।

डॉ. बनवारी लाल पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री राजीव जैन, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा तथा विभाग के ईआईसी श्री मनपाल सिंह भी उपस्थित थे।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में संचालित एसटीपी में 1200 से 1300 एमएलडी की क्षमता तक पानी को ट्रीट किया जाता है, लेकिन 30 से 50 एमएलडी पानी रियूज होता है बाकी बचा सारा पानी ड्रेन में चला जाता है। इस पानी को बचाने के लिए यह नीति तैयार की जा रही है ताकि भविष्य में ड्रेन में जाने वाले पानी का सही उपयोग किया जा सके।

उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 115 एसटीपी संचालित हैं, 20 पर कार्य चल रहा है, जबकि 3 एसटीपी को स्थापित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के 71 शहरों में 135 एलपीसीडी से अधिक पानी की आपूर्ति की जा रही है जबकि 11 शहरों में 110 से 135 एलपीसीडी तथा 4 शहरों में 70 से 110 एलपीसीडी पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार राज्य के 7517 हैबीटेशन में से 6043 में 100 प्रतिशत, 1135 में 75 से 100 प्रतिशत, 199 में 50 से 75 प्रतिशत और 34 में 25 से 50 प्रतिशत तक पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि 104 हैबिटेशन में पानी की गुणवत्ता प्रभावित हैं और विभाग 55 पर कार्य योजना बना रहा है।

उन्होंने बताया कि साढे तीन वर्षों के दौरान राज्य में बहुत से विकास कार्य किए गए हैं, जिनमें 159 नहर आधारित जलघर, 2002 टयुबवैल, 434 बुस्टिंग स्टेशन, 7738 किलोमीटर पाईपलाईन सम्मलित है। शहरों मे 53 मल शोधन संयत्र लगाये गये है तथा 20 मल शोधन संयत्रों पर कार्य प्रगति में है।

शिकायत निवारण केन्द्र पर 89182 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से 87423 शिकायतों का निवारण हो चुका है तथा शेष 1759 शिकायतों पर कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त 22 आर. ओ. प्लांट व 10 सी डब्लयू पी पी प्लांट भी लगाए गए है।

उन्होंने बताया कि विभाग की अपनी शिकायत निवारण प्रणाली है जिसे शिकायत निवारण केन्द्र एसएनके नाम से जाना जाता है जिसका टोल फ्री नंबर 1800-180-5678 है और यह 24 घंटे काम करता है। आपरेटर छुट्टियों के दिनो को छोड़ कर, सभी दिनों मे सुबह 6 बजे से शाम के 8 बजे तक नियंत्रण कक्ष में शिकायतें प्राप्त करते है और इसके बाद यह प्रणाली इंटीग्रेटेड रिस्पांस सिस्टम ;टैलीफोन पर स्वंय रिकार्डिंग होनाद्ध पर काम करती है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा महाग्राम योजना के तहत वह गांव जिनकी आबादी 10 हजार से ज्यादा है, उनमें पीने के पानी का स्तर 135 एलपीसीडी तक बढाने तथा सीवरेज प्रणाली लगाने का प्रावधान किया गया है। अभी प्रथम चरण में, 9 गांवों मे काम शुरू कर दिया गया है जिनका कार्य 31.03.2019 तक पूरा होने की संभावना है। हाल ही में महाग्राम योजना के तहत 11 अतिरिक्त गांवो का भी चयन हुआ है जिन पर कार्य शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा 37 गांवों में सीवरेज प्रदान करने हेतु डिटेलड प्रोजेक्ट रिर्पोट बनाने का कार्य भी शुरू किया गया है।

उन्होंने बताया कि टूटी लगाओ जल बचाओ का अभियान गत 4 जून से चलाया जा रहा है और यह 31 दिसंबर तक चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 1 लाख पांच हजार टूटियां लगाने का लक्ष्य है जिनमें से अभी तक 46,659 टूटियां लगाई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त टूंटी लगाओ-जल बचाओ अभियान के तहत सरकार द्वारा एक लाख टूंटीयाँ ग्रवित संस्था को मुहैया करवाई जा रही है ताकि जिन स्वीकृत कनैक्शनों पर टूंटी नहीं लगी हुई है, टूंटी लगाई जा सके और अमूल्य जल को बचाया जा सके।

उन्होंने बताया कि जल सरंक्षण के लिए एक अन्य अभियान 16 मई, 2017 से चलाया जा रहा है। जिसके तहत, 2508 गांवों के 11,60,244 घरों मे दौरा किया गया है और 54,399 टूटिंया, 5028 ओवरहेड एवं अडंरग्राउंड टंकियों मे बॉल कोक लगाये गये है तथा 1,68,190 पानी के कनैक्शनों की स्वीकृति दी गई है, एवं 10 करोड 62 हजार का राजस्व भी प्राप्त किया है। इसके अलावा, 4371 पानी की लीकेज व 9027 अस्वच्छ पानी के कनैक्शनों को ठीक किया गया है।

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