- April 14, 2025
नागालैंड से AK47 बिहार में अपराधियों के पास दीमापुर से पांच लाख रुपए में

NEWS 18:
पटनाः बिहार में अपराधियों के पास से AK47 बरामद होने का एक और मामला हाल ही में सामने आया था. बिहार STF ने आरा के बेलाउर गांव के निवासी बुटन चौधरी के घर छापा मारकर AK47 के साथ हैंड ग्रेनेड और कई हथियार बरामद किए थे. हालांकि इस कार्रवाई के दौरान दो लाख का इनामी बुटन चौधरी फरार हो गया था. अब आरा पुलिस हथियारों के स्रोत और संभावित उपयोग की जांच कर रही है. इधर इस बीच न्यूज 18 की टीम ने जो कड़ी पड़ताल की है, उससे यह बात साफ़ हुआ है कि बिहार के अपारधियों के पास से जो AK47 बरामद हो रही हैं, उसके तार मणिपुर और दीमापुर से जुड़े हुए हैं.
नागालैंड से आती है एके47
न्यूज़ 18 की पड़ताल में इस अत्याधुनिक हथियार का चेन ऑफ़ सिस्टम की पूरी कहानी की जानकारी हाथ लगी है. पड़ताल में यह बात साफ सामने आई है कि बिहार में नागालैंड से AK47 की तस्करी हो रही है, जो AK47 नागालैंड की राजधानी दीमापुर में पांच लाख रुपए में मिलती है, वो बिहार आते-आते सात लाख की हो जाती है. AK47 को अलग-अलग पार्ट्स में ट्रेन के जरिए नागालैंड से बिहार लाया जाता है और फिर यहां असेंबल कर हथियार तैयार कर लिया जाता है. यह खुलासा मुजफ्फरपुर पुलिस की जांच में हुआ था.
NIA की जांच रिपोर्ट से खुलासा
मुजफ्फरपुर पुलिस ने पिछले साल जून माह में AK 47 से जुड़े एक केस का अनुसंधान किया था, जिसमें यह बात सामने आई थी कि नागालैंड से बिहार में AK 47 आ रही है. अपने अनुसंधान के बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस केस से जुड़ी केस डायरी को मुजफ्फरपुर जिला कोर्ट में सबमिट की थी. अब इस केस की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA के पास है, जिसका कुछ पन्ना न्यूज 18 के हाथ लगा है, जिसमें इस बात का उल्लेख मुजफ्फरपुर पुलिस के द्वारा किया गया है कि कैसे नागालैंड से AK 47 चोरी छुपे पहले बिहार लाई जाती है और फिर इसे अपराधियों के हाथों लाखों में बेच दिया जाता है.
पूर्व डीजी ने भी लगाए मोहर
इस बात पर बिहार के पूर्व DG एसके भारद्वाज भी मोहर लगा रहे हैं. इनका भी कहना है की अपराधियों के पास जितनी आसानी से AK47 जैसे अत्याधुनिक हथियार पहुंच रहा है वो बिहार की कानून व्यवस्था के लिए काफी खतरनाक है. आइये अब हम मुजफ्फरपुर पुलिस के द्वारा AK47 केस से जुड़ी पूरी पड़ताल की कड़ी दर कड़ी को बताते हैं.
मुखिया के बेटे ने ऑर्डर की थी एके47
दरअसल मुजफ्फरपुर पुलिस ने 6 मई 2024 को देर रात मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के बाहर से हथियार तस्कर विकास और सत्यम को गिरफ्तार किया था. दोनों के पास से AK47 में लगाए जाने वाले लेंस और बट बरामद किया गया था. जब मुजफ्फरपुर पुलिस ने इन दोनों से सख़्ती से पूछताछ की तब इन दोनों पूछताछ में बताया था कि AK 47 का ऑर्डर मुजफ्फरपुर जिले में आने कुढ़नी पंचायत के मुखिया नंदकिशोर राय उर्फ भोला राय के बेटे देवमुनि राय उर्फ अनीश ने दिया था. पुलिस अगले ही दिन यानी 7 मई 2024 को अनीश को गिरफ्तार कर लेती है, उसके घर से पास स्थित पुल के पास जमीन के अंदर छुपाई गई AK47 भी बरामद करती है.
विकास पोखरैरा मुजफ्फरपुर और सत्यम हाजीपुर के पास से जो लैंस और बट बरामद हुआ था, वो इसी AK47 में असेंबल करने के लिए लाए गए थे. इनके असेंबल होते ही AK47 कम्पलीट हो जाती. ये तीनों फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं. पुलिस इस मामले में नागालैंड के दीमापुर से हथियार तस्कर अहमद अंसारी को भी गिरफ्तार कर चुकी है. केस NIA को ट्रांसफर हो चुका है. बीते करीब 6 महीने से NIA यह पता करने की कोशिश में है कि भारत में AK 47 आ कहां से रही है और कौन इसकी तस्करी में शामिल है.
बिहार के बाहुबलियों के पास अब भी एके 47
वैसे NIA सूत्रों से जो अहम जानकारी मिली है उसके मुताबिक बिहार में AK 47 की तस्करी बहुत पहले से हो रही है. बिहार के कुछ बाहुबलियों के पास यह प्रतिबंधित हथियार अभी भी मौजूद है, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुडे़ हैं. यह हथियार बड़े बालू माफिया और अपराधियों के पास भी हैं. हालांकि ADG ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने हाल ही में अपने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा किया है कि STF के पास हजारों अपराधियों और नक्सलियों का डाटा है, जिसके माध्यम से इनकी टीम लगातार अपराधियों और नक्सलियों को गिरफ्तार कर बिहार को अपराध मुक्त बनाने में जुटी है.
म्यांमार में 17 हजार में मिलती है एके 47
मुजफ्फरपुर पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि बिहार में AK 47 की तस्करी का कनेक्शन नागालैंड और मणिपुर के रास्ते पड़ोसी देश म्यांमार से है. बिहार में पहुंच रहे इस अवैध हथियार की कीमत सात लाख रुपए है, लेकिन जिस पड़ोसी देश से इस अत्याधुनिक हथियार की तस्करी हो रही है, वहां के बाजार में इसकी कीमत भारतीय रुपयों के अनुसार महज 17 हजार रुपए ही है. यह जानकर आप चौंक गए होंगे पर असलियत यही है और यह दाम म्यांमार में स्थित अवैध हथियारों के बाजार का है.
दरअसल इस बात का सबसे बड़ा सबुत भी मुजफ्फरपुर पुलिस की पिछले साल हुई कार्रवाई के बाद मिला, जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं और कार्रवाई को ही आधार बनाकर NIA ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया और अब यह पता लगा रही है कि AK47 की तस्करी कैसे हो रही है? कौन लोग या किस तरह के संगठन इसकी तस्करी में जुटे हैं? यह जानने के लिए न्यूज 18 की टीम ने भी अपनी पड़ताल की शुरुआत मुजफ्फरपुर के फकुली थाना में दर्ज FIR से की. फिर पुलिस की जांच और केस डायरी में लिखे गए उनकी बातों का रिव्यू किया.
म्यांमार-चीन बॉर्डर से होती है हथियारों की तस्करी
साथ ही गिरफ्तार कर जेल भेजे गए तस्करों और हथियार खरीदने वाले शराब माफिया के बयान को पढ़ा. इसके बाद अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों के इंटेलिजेंस टीम की पास किस तरह के इनपुट थे, उसे भी खंगाला गया तब जाकर यह चौंकाने वाली बातें सामने आई कि म्यांमार-चीन बॉर्डर से होता है अवैध हथियार का यह काला कारोबार. वहां एक AK 47 की कीमत 4 लाख 12 हजार यानी की 790.60 क्याट होता है, जिसकी वैल्यू भारतीय रुपए के हिसाब से महज 17 हजार रुपए के करीब की है.