- June 26, 2018
नशा मुक्ति अभियान- डॉ. आर. सी .साहनी और श्रीगंगानगर की तपोवन समानित–राष्ट्रपति
जयपुर———— राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द ने कोटा मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधीक्षक डॉ.आर सी साहनी को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में नशा मुक्ति अभियान में योगदान के लिये व्यक्तिगत श्रेणी में सम्मानित किया।
इसी प्रकार राष्ट्रपति ने तपोवन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास संस्थान श्रीगंगानगर के सचिव श्री संदीप कटारिया को मद्यपान और नशीले पदार्थ, दवा दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओ के लिए संस्था श्रेणी में पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। पुरस्कार में दोनों को प्रमाण पत्र , ट्रॉफी और दो- दो लाख रुपये प्रदान किये गए।
समारोह में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ,राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले, श्री कृष्ण पाल गुर्जर व श्री विजय सांपला के साथ अन्य कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
पुरस्कार सम्मान ग्रहण करने के बाद डॉ. साहनी ने बताया कि उनकी संस्था संवेदना के माध्यम से वे अब तक 4 हज़ार युवाओ को नशा की लत से छुटकारा दिलवा चुके है। उन्होंने बताया कि वे अपनी पत्नी स्नेह साहनी के साथ जब लंदन मे थे, तब उन्हें अचानक हार्ट का ऑपरेशन करवाना पड़ा और उससे मिले जीवन दान को बोनस मान सरकारी नोकरी छोड़ नशा मुक्त अभियान में जुट गए। उन्होंने बताया कि स्काउट के चीफ कमिश्नर श्री जे.सी. मोहंती द्वारा दिए गए 10 लाख स्काउट युवाओ को युथ अगेंस्ट ड्रग्स के नारे ने उन्हें बहुत प्रभावित किया तथा 8 से 10 वर्षो के बच्चों के लिए खेल खेल में नशा मुक्ति का सन्देश ’स्टॉप बिफोर स्टार्ट ’ द्वारा वे कॉन्सलिंग से समाज सेवा का बहुत बड़ा काम कर रहे है।
तपोवन नशा मुक्ति एवं पुनर्वास संस्थान श्रीगंगानगर के सचिव श्री संदीप कटारिया ने बताया कि उनकी संस्था के अध्यक्ष श्री महेश पेड़ीवाल की प्रेरणा से वे सीमावर्ती गंगानगर में नशा से पीड़ित लोगों की सेवा कर रहे है। उन्होंने कई युवाओ के उजड़े घरो को पुनः आबाद करने का काम किया है। उन्होंने बताया कि युवाओ मे नशे की लत का आलम इस सीमा तक बढ़ गया है कि एक मामले में युवा कि न्यायाधीश माँ को अपने ही बेटे को कोर्ट में सजा सुनानी पड़ी, लेकिन उनकी संस्था ने उस युवा को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलवाने मे सफलता मिली। श्री कटारिया ने बताया कि यदि हम 10 युवाओ को नशे से मुक्त करते है तो 100 परिवारों में खुशियां लोटती है। श्रीगंगानगर में शराब व निकटवर्ती प्रदेश के युवाओं में स्मेक व गांजा आदि की बुराइयों से लड़ने में उनकी संस्था जुटी हुई है।