नवा जतन योजना : कुपोषण से मुक्ति

नवा जतन योजना  : कुपोषण से  मुक्ति

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही नवा जतन योजना से हजारों गरीब परिवारों के बच्चों में व्याप्त कुपोषण को दूर करने में मदद मिल रही है। ऐसे ही एक बच्ची नीतू है जो अब कुपोषण से मुक्त हो गयी है, आज वह तीन साल की हो गयी है।2089

आंगनबाड़ी केन्द्र में फुदकती स्वस्थ और सुपोषित बच्ची को देख कर उनके माता पिता राज्य शासन की इस योजना के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। नीतू और उसका परिवार प्रदेश के महासमुंद जिले के ग्राम बेमचा के रहने वाले हैं। नीतू के पिता श्री सुन्दर सांवरा का कहना है कि गरीबी के कारण उनके लिए अपनी बच्ची के लिए महंगे पोषण की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल था।

चूंकि उनकी पत्नी श्रीमती पार्वती और उनकी बच्ची का पंजीयन आंगनबाड़ी केन्द्र में था इसकी वजह से नीतू और उनकी पत्नी को नवा जतन कार्यक्रम का लाभ मिला। योजना से उनकी बच्ची को नया जीवन मिला है, उन्होंने इस योजना को गरीब परिवारों के लिए इसे वरदान बताया।

नीतू के पिता श्री सुन्दर सांवरा मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। उनके यहां एक जुलाई 2012 को बच्ची का जन्म हुआ। जन्म के समय उसका वजन 3 किलो 7 सौ ग्राम था। जन्म के चार माह बाद बीमारी की वजह से नीतू का वजन कम होने लगा। यह बात सितंबर 2014 की है। उस समय आंगनबाड़ी केन्द्र में नवाजतन योजना के तहत वजन त्यौहार मनाया जा रहा था, उस दिन नीतू की मां भी उसको लेकर आयी थी और कार्यकर्ता से अपनी बच्ची के वजन नहीं बढ़ने की बात कहने पर उसका वजन लिया गया।

प्रारंभिक परीक्षण से पता चला कि वह बीमार थी और बीमारी के कारण उसका वजन लगातार घटते जा रहा था। ऐसे में परिवार को रेडी टू ईट के जरिए कुपोषण दूर करने की कोशिश की गई। नीतू को तत्काल दो गुना पोषण आहार देने के साथ ही उनकी माता को पोषण आहार बनाने के तरीकों की जानकारी दी गई। परिवार की गरीबी और उनके सदस्यों के पढे लिखे नहीं होने के कारण नीतू का उचित तरीके से देखभाल नहीं हो रहा था। बीमारी, पोषक आहार नहीं मिलने और सही देखभाल नहीं होने के कारण वजन घटने लगा और वह गम्भीर कुपोषण की श्रेणी में पहुंच गई। इसलिए नवा जतन योजना में उसके देखभाल की जिम्मेदारी विश्वा स्वसहायता समूह को सौंपी गई।

नीतू के स्वास्थ्य की लगातार देखभाल और समझाईश के साथ ही पोषक आहार मिलने पर उसकी स्थिति में सुधार हुआ और वह कुपोषण से निकल कर सामान्य बच्चों की श्रेणी में पहुंच गई। नीतू को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए बेंमचा क्रमांक 01 की कार्यकर्ता द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र  एवं गृह भेंट के दौरान नीतू को रेडी टू ईट एवं पोषक तत्वों से भरपूर आहार दिया गया और उसके स्वास्थ्य की लगातार मानिटरिंग की गई। उसे विटामिन ए, कृमि नाशक गोली एवं आयरन सिरप की खुराक समय-समय पर देने के अलावा मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना में लाभांवित कराया गया। अब नीतू कुपोषण से बाहर निकलकर सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ चुकी है।

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