- August 28, 2015
नर्सिंग संकाय का प्रसूता व नवजात स्वास्थ्य का प्रायोगिक प्रशिक्षण सम्पन्न
जयपुर – प्रदेश में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर में प्रभावी तरीके से कमी लाने के लिए किये जा रहे दूरगामी प्रयासों के तहत राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जपाइगो के सहयोग से होटल रॉयल ओरचिड में गुरूवार को अजमेर, भरतपुर, जोधपुर एवं उदयपुर संभागों में स्थिति प्रशिक्षण केन्द्रों के सभी नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
मिशन निदेशक, एनएचएम नवीन जैन ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों में ज्ञान, कौशलता एवं व्यवहार में कुशलता लाने के लिए एएनएम व जीएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों पर समुचित प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधार हेतु राज्य स्तर पर जिलों के प्रशिक्षण केन्द्रों से 10 प्रिन्सिपल एवं राज्य इकाई के सदस्यों की गठित समिति को विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक व सैद्घान्तिक बिन्दुओं पर पीपीटी व वीडियो बनाने के साथ ही सरल भाषा में पठन सामग्री तैयार कर सभी 48 प्रशिक्षण केन्द्रों पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
श्री जैन ने कहा कि कुशल एएनएम व जीएनएम प्रशिक्षणार्थी भविष्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकते हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण गुणवत्ता पर विशेष महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग संकाय नर्सिंग प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को श्रेष्ठ नर्स बनकर समाज में अपना बेहतर उत्तरदायित्व निभाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर ने बताया कि गुरूवार को अजमेर, भरतपुर, जोधपुर एवं उदयपुर संभाग के नर्सिंग प्रशिक्षण केन्द्रों के सभी नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित किया गया। इससे पूर्व बुधवार को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तीन संभागों जयपुर, कोटा एवं बीकानेर के नर्सिंग मिडवाईफ्री संकाय को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। नर्सिंग मिडवाइफ्री संकाय को प्रसूता व नवजात के स्वास्थ्य पर प्रायोगिक प्रशिक्षण व प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान हेतु एक-एक मोडल सेट भी दिया गया।