- April 10, 2017
नर्मदा नदी के तट पर में नशामुक्ति आंदोलन
रिहायशी इलाकों, शिक्षण संस्थाओं और धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी
भोपाल(राजेश पांडेय/ यशवंत बरारे)————— मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में नशामुक्ति का आंदोलन चलेगा। प्रथम चरण में नर्मदा नदी के दोनों तट पर पाँच-पाँच किलोमीटर तक शराब की दुकानें एक अप्रैल से बंद कर दी गयी हैं। उन्होंने कहा कि अब रिहायशी इलाकों, शिक्षण संस्थाओं और धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से शराब की सभी दुकानें बंद कर प्रदेश में शराब-बंदी लागू की जाएगी । उन्होंने कहा कि नदियाँ बचेंगी, तो मानव-सभ्यता और संस्कृति बचेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदा सेवा यात्रा के 113 वें दिन नरसिंहपुर जिले के ग्राम नीमखेड़ा (हीरापुर) में जन-संवाद को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने माँ ताप्ती, बेतवा और क्षिप्रा की धार को टूटते हुए देखा है । अगर माँ नर्मदा की धार टूटी तो जीवन नहीं बचेगा । उन्होंने बताया कि एशिया की सर्वश्रेष्ठ खेती नरसिंहपुर जिले में माँ नर्मदा के कारण ही होती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगामी मानसून सत्र में मासूमों के साथ दुराचार करने वालों को फाँसी की सज़ा देने संबंधी विधेयक लाया जायेगा । उन्होंने कहा कि नरसिंपुर में गौ-वंश वन्य विहार की स्थापना की जायेगी ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आगामी दो जुलाई को अमरकंटक से बड़वानी तक नर्मदा के तट पर लाखों लोग करोड़ों पेड़ लगायेंगे। माँ नर्मदा मध्यप्रदेश की समृद्धि का आधार है, जो दर्जनों शहर को पेयजल उपलब्ध करवाती है। इसकी कृपा से मध्यप्रदेश को चार बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। प्रदेश को सिंचाई के लिए जल और बिजली उपलब्ध करवाती है।
यात्रा नर्मदा को बचाने और उसका कर्ज उतारने की यात्रा है। नर्मदा के दोनों तटों के शहरों में ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जाएंगे तथा साफ पानी को खेतों में ले जाया जायेगा । उन्होंने संकल्प दिलवाया कि नर्मदा के तटों पर पेड़ लगायें, इसके किनारे के गाँवों में हर घर में शौचालय बनायें, पूजन-सामग्री पूजन कुण्ड में डालें। नर्मदा के किनारे चेंजिंग रूम और मुक्तिधाम बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों को बचायें और हर बच्चे को स्कूल भेंजे।
परिक्रमा सिर्फ माँ नर्मदा की : जगदगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
जन-संवाद में जगतगुरू शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद महाराज ने कहा कि देश-दुनिया में अनेक नदियाँ हैं लेकिन परिक्रमा सिर्फ माँ नर्मदा की की जाती है । उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने अद्वैतवाद के सिद्धांत में बताया है कि शरीर भिन्न हैं लेकिन आत्मा एक है। शंकराचार्य जी ने कहा कि बच्चों को गीता और रामायण की भी शिक्षा दी जाये ।
अमजद अली खान ने की यात्रा की सराहना
विश्व विख्यात सरोद वादक श्री अमजद अली खान ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई नर्मदा और पर्यावरण संरक्षण की यात्रा सराहनीय एवं अनुकरणीय है । इसका अनुसरण अन्य मुख्यमंत्रियों को भी करना चाहिये । उन्होंने ‘भारत है देश प्यारा- भारत है देश न्यारा, इसकी सभ्यता है महान- इसकी संस्कृति है महान” गीत गाया ।
जन-संवाद को लोक-निर्माण एवं नरसिंहपुर जिला प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह और सांसद श्री राव उदयप्रताप सिंह, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग श्रीमती लता वानखेड़े, श्री अखिलेश्वरानंद, दीदी प्रज्ञा भारती सहित अन्य वक्ता ने भी संबोधित किया।
यात्रा के पहुँचने पर ग्रामीणों ने भारी उत्साह-उमंग, आस्था और श्रद्धाभाव के साथ तथा महिलाओं ने सिर पर कलश लेकर यात्रियों का स्वागत किया। यात्रा में बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं सहित हर वर्ग के लोग शामिल हुए। यात्रा में हुए ‘हर-हर नर्मदे’ के उदघोष से आसमान गूँज उठा। इसके बाद माँ नर्मदा की महाआरती की गई।
जन-संवाद में सांसद श्री गणेश सिंह, जिले के विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, साधु-संत और पर्यावरणविद श्री भारत-भूषण गर्ग, प्रसिद्ध नृत्यांगना श्रीमती शुभालक्ष्मी खान, मो. अकील रज़ा सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे ।