नन्दन वन (मिनी चिड़िया घर) में आठ काले हिरणों की मौत

नन्दन वन (मिनी चिड़िया घर) में आठ काले हिरणों की मौत

रायपुर –  (छतीसगढ) –  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर के नजदीक नन्दन वन (मिनी चिड़िया घर) में आठ काले हिरणों की मौत की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और वन मंत्री श्री महेश गागड़ा तथा वन विभाग के अधिकारियों को मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने आज अपरान्ह नन्दन वन का दौरा किया। उन्होंने वहां स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से आवश्यक जानकारी ली।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) और मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री बी.एन. द्विवेदी ने बताया कि नन्दन वन में 55 काले हिरण (ब्लैक डक) थे। हिरणों के बाड़े में विगत एक महीने में अलग-अलग तारीखों में पांच की मौत अज्ञात बीमारी से, हुई है जबकि दो हिरणों की मौत परस्पर लड़ाई के कारण और एक की मौत बाड़े में लगी ग्रिल आदि से चोट लगने के फलस्वरूप हुई है। शेष 47 हिरणों की बेहतर देखभाल के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

डॉक्टरों द्वारा उनकी सेहत की नियमित जांच की जा रही है। श्री द्विवेदी ने बताया कि वन विभाग द्वारा काले हिरणों की मृत्यु की सूचना तत्काल केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सहित, केन्द्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण और देहरादून स्थित भारतीय वन्य प्राणी संस्थान को भेजी जा चुकी है। वन विभाग द्वारा इस संबंध में बरेली (उत्तर प्रदेश) स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को भी लिखा गया है। वहां के पांच सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम अपनी चलित प्रयोगशाला के साथ रायपुर के लिए रवाना हो चुकी है।

टीम के कल 25 जून को यहां पहूंचने की संभावना है। बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान को वन्य प्राणियों के हेल्थ केयर के क्षेत्र में भी विशेषज्ञता प्राप्त है। केन्द्र सरकार द्वारा संस्थान में नेशनल रेफरल सेन्टर फॉर वाइल्ड हेल्थ केयर की भी स्थापना की गयी है।

श्री द्विवेदी ने यह भी बताया कि नन्दनवन में अज्ञात बीमारी के कारण पांच काले हिरणों की मौत के प्रकरणों में कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा (जिला दुर्ग) से सम्बद्ध शासकीय पशु चिकित्सा एवं पशु पालन कॉलेज के डॉक्टरों से भी जांच करायी गयी। उन्होंने पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में बताया कि इन हिरणों में किसी प्रकार की वायरल या वेक्टिरियल बीमारी का होना नहीं पाया गया है। इसके बावजूद मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय डॉक्टरी जांच के लिए बरेली के विशेषज्ञों को यहां बुलाया गया है। अन्य सभी हिरणों की बेहतर डॉक्टरी देखभाल करवायी जा रही है।

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