नक्सल हिंसा पीड़ित 132 बच्चों को सहायताः-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

नक्सल हिंसा पीड़ित 132 बच्चों को  सहायताः-मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ———– मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा परिसर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार में बीजापुर जिले के नक्सल हिंसा पीड़ित 132 बच्चों को उनकी शिक्षा के लिए 16 लाख 80 हजार रूपए की सहायता राशि के चेक वितरित किए। यह राशि भारत सरकार के गृह मंत्रालय से सम्बद्ध ‘राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान’ द्वारा नक्सल हिंसा पीड़ित बच्चों के लिए स्वीकृत की गई है।

कक्षा 12वीं तक पढ़ाई करने वाले बच्चों को प्रति माह एक हजार रूपए (साल में बारह रूपए), स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को प्रति माह 1250 (वर्ष में 15 हजार रूपए) और व्यावसयिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले बच्चों को प्रति माह 1500 रूपए (एक वर्ष में 18 हजार रूपए) की सहायता दी जाती है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान द्वारा साम्प्रदायिक और नक्सल हिंसा प्रभावित बच्चों को दी जा रही सहायता की प्रशंसा करते हुए कहा कि सड़क और पुल-पुलियों के निर्माण से ज्यादा महत्वपूर्ण है पीढ़ियों का निर्माण। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सात जिले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य सरकार द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए नक्सल प्रभावित जिलों में अनेक अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं।

केबिन, प्रयास और उड़ान जैसे शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से बच्चें शिक्षा प्राप्त कर मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश पा रहे हैं। उन्होंने बच्चों से मन लगाकर पढ़ाई करने की समझाईश देते हुए कहा कि वे डॉक्टर, इंजीनियर बनकर और उच्च प्रशासनिक पदों पर आकर अपने क्षेत्र में लोगों को सेवाएं प्रदान करें। उन्होंने बीजापुर जिले के बच्चों को प्रतिष्ठान के माध्यम से वित्तीय सहायता दिलाने में की गई पहल के लिए बीजापुर जिले के कलेक्टर की सराहना की।

विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ को शांति का टापू बनाना चाहते हैं। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा सहित उनके स्वास्थ्य लोगों के आवास और भोजन की भी पूरी चिंता कर रही है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य संवारे।

नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि हम सबका का यह प्रयास है कि नक्सल हिंसा से लोगों को छुटकारा मिले। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठान द्वारा दी जा रही सहायता नक्सल हिंसा प्रभावित बच्चों का जीवन बेहतन बनाने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक होगी।

वनमंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि आदिम जाति विकास विभाग द्वारा बच्चों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। जिससे उनकी पढ़ाई निरंतर चलती रहे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बीजापुर जिले के 132 बच्चों को सहायता दी जा रही है। निकट भविष्य में इनके अलावा 137 बच्चों को भी प्रतिष्ठान द्वारा मदद दी जाएगी।

साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान के सचिव श्री ए.के. सिंह ने बताया कि उनका संस्थान स्ववित्त पोषित संस्था है। जो साम्प्रदायिक तथा नक्सल हिंसा पीड़ित बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत दो लाख रूपए की वार्षिक आय वाली परिवारों को बच्चों को अधिकतम 25 वर्ष तक सहायता दी जाती है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का 22वां राज्य है, जिसे प्रतिष्ठान द्वारा मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के नक्सल हिंसा पीड़ित बच्चों को वित्तीय सहायता देने के बारे में प्रतिष्ठान विचार करेगा।

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