- November 28, 2021
नए वायरस को घातक कहना जल्दबाजी
रुचिका चित्रवंशी -(बिजनेस स्टैंडर्ड) ——–कोरोनावायरस के नए अफ्रीकी रूप बी.1.1.529 को लेकर बढ़ती चिंता के बीच, भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सकारात्मक संकेत देते हुए कहा कि वायरस के नए रूप में संरचनात्मक बदलावों की व्याख्या घातक या अत्यधिक संक्रामक तौर पर करने की आवश्यकता नहीं है।
आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोगों के प्रमुख समीरन पांडा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘म्यूटेशन कोई नई बात नहीं है। यह रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में बदलावों की संख्या है जिसकी वजह से इतना ध्यान खींचा गया है। क्लस्टर संक्रमण को अभी तक नहीं देखा गया है।’ पांडा ने कहा कि अन्य बातों के अलावा क्लीनिकल आकलन करने के लिए वायरस के इस नए रूप का अधिक अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है।’
प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि बी.1.1.529 रूप में वायरस के विभिन्न हिस्सों में 30 से अधिक म्यूटेशन हुए हैं। ये म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन में होते हैं जो वायरस का वह हिस्सा होता है जो शरीर में कोशिकाओं को बांधता है। भारत में अभी तक इस नए रूप का पता नहीं चला है। पांडा ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह कोई नया वायरस नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह एक नया अवतार है। नए रूप होते हैं और हम खुद को साफ-सफाई का ख्याल रखकर, एक-दूसरे से दूरी बरतकर और कोविड के अनुरूप व्यवहार कर खुद को बचाने में सक्षम होंगे।’ पांडा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि वायरस के नए रूप का संदर्भ किसी देश के नाम से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि इससे अमुक जगह बदनाम होती है। उन्होंने कहा कि लोग टीकाकरण कराएं।
पांडा ने कहा, ‘हम इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) क्या कहेगा और भारत में क्या हो रहा है।’ क्या नए वायरस पर टीके का कोई असर नहीं होगा इस पर उन्होंने कहा कि 100 फीसदी प्रतिरोधक क्षमता वाला बचाव कारगर नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि इसके स्तर में कुछ हद तक अंतर हो सकता है और टीके से कुछ सुरक्षा मिलेगी।
आईसीएमआर के साथ इंपीरियल कॉलेज, लंदन ने भी एक क्रोम-आईसी सिमुलेटर तैयार किया है जो प्रतिरोधक क्षमता के बावजूद संक्रमण वाली स्थिति और तीसरी लहर की संभावना पर शोध करे। पांडा ने कहा, ‘इस गणितीय मॉडल का इस्तेमाल अब राज्य कर रहे हैं। यह नए रूप के संदर्भ में भी उपयोगी होगा।’
भारत ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इन देशों और अन्य जोखिम वाले देशों से यात्रा करने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को कड़ी जांच की जाए।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि किसी निश्चित जवाब पर पहुंचने के लिए हमें अधिक जीनोमिक अनुक्रमण की जरूरत है क्योंकि नया संस्करण बहुत जल्दी फैलता है। दक्षिण अफ्रीका के सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पॉन्स ऐंड इनोवेशन के निदेशक तुलियो डी ओलिवियरा ने कहा, ‘दो सप्ताह से भी कम समय में (बी.1.1.529) दक्षिण अफ्रीका में एक भयावह डेल्टा लहर के बाद वायरस का नया रूप सभी तरह के संक्रमणों पर हावी है।’
नया स्वरूप सामने आने के मद्देनजर कई देशों ने कदम उठाने शुरू किए
दक्षिण अफ्रीका में शुक्रवार को कोरोनावायरस के नए स्वरूप के सामने आने के बाद विश्व के देशों ने इस देश से हवाई यात्रा रोकने जैसा कदम उठाना शुरू कर दिया है। यूरोपीय संघ में शामिल देशों में मामलों में भारी वृद्धि के बीच, जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने कहा, ‘यह एक नया स्वरूप कई समस्याएं पैदा करेगा।’
ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने सांसदों से कहा, ‘शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह स्वरूप डेल्टा संस्करण की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है और वर्तमान टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें जल्द से जल्द संभव कदम उठाने की दिशा में आगे बढऩा चाहिए।’ इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मलावी से लौटे एक यात्री में नए स्वरूप से संक्रमण का मामला सामने आया है। नए स्वरूप के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बहुत ज्यादा संक्रामक है।
ब्रिटेन में नए स्वरूप की चल रही है जांच
ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि देश में कोविड-19 के एक नए और सबसे महत्त्वपूर्ण स्वरूप की आधिकारिक तौर पर जांच की जा रही है। सरकार ने शुक्रवार को छह दक्षिणी अफ्रीकी देशों को अपनी यात्रा प्रतिबंध की ‘लाल सूची’ में डाल दिया है। ब्रिटेन ने शुक्रवार से दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, लेसोथो, इस्वातिनी, जिम्बाब्वे और नामीबिया से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ ने बैठक बुलाई
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सलाहकार दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोनावायरस के एक नए चिंताजनक स्वरूप के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए शुक्रवार को विशेष सत्र आयोजित कर रहे हैं।
हालांकि एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है कि कोविड-19 रोधी टीकों का इस स्वरूप पर असर का पता लगाने में हफ्ते लग जाएंगे। कोविड-19 संबंधी तकनीकी सलाहकार समूह की तथाकथित बी.1.1.529 स्वरूप पर चर्चा के लिए डिजिटल बैठक हो रही है।