नई औपचारिक नौकरियों का सृजन सुस्त : कर्मचारी भविष्य निधि

नई औपचारिक नौकरियों का सृजन सुस्त  : कर्मचारी भविष्य निधि

अगस्त में नई औपचारिक नौकरियों का सृजन सुस्त रहा है। इससे श्रम बाजार में सुस्ती का पता चलता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा  जारी ताजा पेरोल के आंकड़ों से पता चलता है कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के नए मासिक सबस्क्राइबरों की संख्या अगस्त में 13.3 प्रतिशत गिरकर 9,25,984 रह गई है, जो जुलाई में 10.6 लाख थी। अगस्त में कुल 9,92,984 पंजीकृत सदस्यों में महिला सबस्क्राइबरों की संख्या 26.3 प्रतिशत (2,43,510) रह गई है, जो जुलाई में 26.7 प्रतिशत (2,85,425) थी।

बहरहाल 18 से 28 साल के युवा सबस्क्राइबरों की हिस्सेदारी अगस्त में 68.3 प्रतिशत (6,32,331) रही है, जो जुलाई के 67.97 प्रतिशत (7,26,415) की तुलना में थोड़ा बेहतर है। यह महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस उम्र समूह में सामान्यतया श्रम बाजार में पहली बार आने वाले लोग होते हैं। इससे नौकरियों में तेजी का पता चलता है।

इसके अलावा पेरोल में शुद्ध वृद्धि, जिसमे नए सबस्क्राइबर, इससे बाहर होने वाले और फिर से वापस आने वाले पुराने सबस्क्राइबर शामिल होते हैं, 0.8 प्रतिशत रही है। यह संख्या अगस्त में बढ़कर 16.9 लाख हो गई है, जो जुलाई में 16.8 लाख थी।

बहरहाल शुद्ध मासिक पेरोल के आंकड़े अनंतिम होते हैं और इसमें अगले महीने में सामान्यतया तेज वृद्धि होती है। यही वजह है कि नए ईपीएफ सबसक्राइर के आंकड़ों को ज्यादा विश्वसनीय माना जाता है।

टीमलीज सर्विसेज के सह संस्थापक ऋतुपर्ण चक्रवर्ती का कहना है कि श्रम बाजार में वित्त वर्ष की शुरुआत में शुरुआती गति आती है, जब फर्में अपने कार्यबल की जरूरतों पर समग्र रूप से विचार करते हुए तैयारी करती हैं। उन्होंने कहा कि त्योहारों का मौसम करीब शुरू होने वाला है, ऐसे में खपत वाले क्षेत्रों में भारी मांग रहेगी। इससे निश्चित रूप से नई औपचारिक नौकरियों का सृजन होगा।

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