• January 16, 2016

नई उद्यम प्रोत्साहन नीति- 2015 : 100 करोड़ रुपये से अधिक की मैगा परियोजनाएं

नई उद्यम प्रोत्साहन नीति- 2015 : 100 करोड़ रुपये से अधिक की मैगा परियोजनाएं

चंडीगढ़  – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज कहा कि राज्य सरकार नई उद्यम प्रोत्साहन नीति- 2015 के तहत हरियाणा में 100 करोड़ रुपये से अधिक की मैगा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे प्रदेश का औद्योगिक विकास सुनिश्चित होने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।1

मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में हरियाणा में निवेश के प्रोत्साहन के लिए ई-बिज पोर्टल का शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि निवेशकों की शंकाओं का त्वरित समाधान करने और नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए एक ही छत के नीचे ऑनलाइन स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए ऐसा एक पोर्टल शुरू किया गया है।

आरंभ में प्रथम चरण में 14 विभागों की 45 सेवाओं को इस पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा और बाद में इन सेवाओं की संख्या को बढ़ाया जाएगा। एनआईसी, हरियाणा द्वारा ई-बिज पोर्टल को विकसित किया गया है। इस अवसर पर बोलते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि ई-बिज पोर्टल शुरू होने से निवेशक अधिकतम 30 दिनों के सीमित समय में प्रथम चरण की स्वीकृतियां प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, इस पोर्टल के माध्यम से तीन चरण की शिकायत निवारण प्रणाली शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है ताकि राज्य की विद्यमान औद्योगिक इकाइयों को सुविधा हो सके।

उन्होंने कहा कि ई-बिज पोर्टल प्रणाली की मदद से निवेशक अपनी निवेश संबंधी शंकाओं का त्वरित निपटान कर सकेंगे तथा उद्योग स्थापित करने के लिए एक ही स्थान पर स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे एक ही स्थान पर सव्ीकृतियां प्रदान किए जाने से प्रदेश एक पंसदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली निवेशकों के लिए सस्ती एवं समय की बचत करने वाली होगी और उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं आना पडेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें ऑन लाइन पोर्टल का संचालन करना नहीं आता, की सहायता करने के लिए फिलहाल हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम के परिसर में एक कार्यालय स्थापित किया जाएगा। आवेदक अपनी शंकाओं के समाधान के लिए इस कार्यालय में आ सकते हैं। सभी संबंधित विभागों के अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक या दो दिन इस कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित विभाग निर्धारित समयावधि के भीतर आवश्यक स्वीकृति प्रदान नहीं कर पाता तो उसे स्वीकृत माना जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी संबंधित विभागों द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो आवेदक को आवेदन फार्म में हुई कसी भी कमी के बारे जानकारी देंगे।

आवेदकों को उनके मामले की स्थिति बारे उनके मोबाइल नम्बर पर नियमित रूप से एसएमएस अलर्ट भी भेजे जाएंगे। श्री मनोहर लाल ने कहा कि 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और एक एकड़ से अधिक भूमि के संबंध में भूमि उपयोग परिवर्तन वाली परियोजनाओं की स्वीकृति मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त कार्यकारी कमेटी द्वारा दी जाएगी। जबकि निर्धारित जोनस में 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और एक एकड़ से अधिक भूमि के संबंध में भूमि उपयोग परिवर्तन वाली परियोजनाओं की स्वीकृति सम्बन्धित जिला के उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय स्वीकृति कमेटी द्वारा दी जाएगी।

हरियाणा के उद्योग मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में उद्योगों के लिए एक अनुकूल माहौल सृजित करने के लिए अनेक कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि ई-बिज पोर्टल इस दिशा में मात्र एक शुरूआत है और कारोबार की सहूलियत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ऐसी और अनेक परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं।

कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कारोबार की सहूलियत के मामले में हरियाणा को देश के अग्रणी पांच राज्यों में लाने का लक्ष्य स्थापित किया है। इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री देवेन्द्र सिंह, आवास आयुक्त, हरियाणा भवन, नई दिल्ली श्री आनंद मोहन शरण, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक श्री सुधीर राजपाल, उद्योग विभाग के निदेशक श्री विवेक अत्रे, प्रबंध निदेशक हारट्रोन श्री विजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य एवं ओएसडी श्री राज कुमार भारद्वाज भी उपस्थित थे।

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