- September 12, 2017
धोखाधड़ी करने वाली वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई— मुख्य सचिव
वित्तीय कंपनियों की जानकारी वैबसाईट ‘सचेत’ पर सांझा करें
हिमाचल प्रदेश————– राज्य की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिये राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका ने कहा कि राज्य में गैर कार्पोरेट निकायों द्वारा नियामक अंतराल का लाभ उठाकर आम आदमी को लुभावने प्रलोभन देकर अनाधिकृत तौर पर धनराशि स्वीकार करने से जुड़े मामलों पर कड़ी कार्रवाइ की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समस्त नियामक तथा कानून लागू करने वाली ऐजेन्सियों को को सलाहकार एवं समन्वित दृष्टिकोण के साथ सक्रिय भूमिका निभाते हुए आज जनमानस को ऐसी कंपनियों की ठगी से बचाने के लिये तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी कंपनियां हतोत्साहित हों इनका दायरा बढ़ने पर रोक लगे।
श्री फारका ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ऐसी वित्तीय कंपनियों से बचने तथा इनकी जानकारी देने के लिये ‘सचेत’ वेबसाइट शुरू की है। कोई भी व्यक्ति जिसके साथ किसी वित्तीय ऐजेन्सी ने धोखाधड़ी की है अथवा अनाधिकृत तौर पर पैसा ऐंठने की कोशिश की है, वह ‘सचेत’ पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है अथवा ऐसी कंपनी की जानकारी अपलोड कर सकता है।
उन्होंने कहा कि सचेत पर ऐसी अनेकों कंपनियों अथवा वित्तीय एजेन्सियों की जानकारी उपलब्ध हैं, जो लोगों को प्रलोभन देकर उनका पैसा हड़पने की फिराक में रहती हैं। ‘सचेत’ एक बहुआयामी एप्लीकेशन है जिसके माध्यम से नियामक संस्थान ऐसी जाली कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई करती हैं, साथ ही इन कंपनियों की जानकारी से दूसरे लोगों को भी ठगी से बचाने में मदद करती है। इसमें व्यक्ति अपने अनुभव व विचार भी सांझा कर सकता है।
मुख्य सचिव ने वित्तीय साक्षरता व जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि समाज में यह जागरूकता दो भागों में की जाए जिसमें आम जनमानस को वित्तीय तौर पर साक्षर करना तथा दूसरे चरण में कानून लागू करने वाली एजेन्सियों में जागरूकता उत्पन्न करना है।
यह भी अवगत करवाया गया कि नियामक के रूप में प्रत्येक जिले में अधिकारी प्राधिकृत किए गए हैं। धोखाधड़ी कर पैसे ऐंठने वाली कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाइ करने के लिये जमाकर्ताओं के हितों के सरंक्षण अधिनियम के अंतर्गत पुलिस अधीक्षक सीआईडी को सक्षम अधिकारी नामित किया गया है। सामुदायिक पुलिस योजना के अंतर्गत भी समाज को इस बारे जागरूक बनाया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश में पुलिस अधिकारियों के लिये वित्तीय नियमन ढांचे तथा कानूनी प्रक्रिया पर कार्यशाला तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) द्वारा वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य के विभिन्न भागों में कुल 227 जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की हैं। इसके अलावा 14 निवेशक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है। विभिन्न वित्तीय एजेन्सियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
श्री फारका ने कहा कि ‘सचेत’ के बारे में आम जनमानस को जानकारी प्रदान करने में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को इस संबंध में प्रिंट व इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार व प्रसार करने को कहा। इसके अलावा आम जनमानस के हितों की रक्षा के दृष्टिगत सभी नियामकों को इस संबंध में एसएमएस, एफएम रेडियो तथा स्थानीय दैनिक पत्रिकाओं के माध्यम से समय समय पर चेतावनी संदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा कि खाते का ब्यौरा, पासवर्ड संबंधी निजी जानकारी के लिये बैंक कभी भी ईमेल अथवा एसएमएस नहीं करता है। किसी को भी पैसे का प्रलोभन नहीं देता है। उन्होंने आम जनमानस से इस प्रकार के प्रलोभनों से बचने तथा अपने बैंक खाते की जानकारी साझा न करने की अपील की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।