- October 25, 2019
धृष्ट राष्ट्र खुद कुल को सत्यानाश किया
यूआईडीआई की शैतानी चाल —
अपडेट — नाम , उम्र , पता , आदि
उम्र ठीक करवाने के लिए रांची जाना पड़ता है , 35 घंटे की ट्रैन , फिर बस आदि की सफर कर रांची पहुँचे फिर पूरे दस्तावेज दे , उसके बाद भी ठीक हो ही जाय, कोई गारंटी नहीं।
उम्र ठीक करवाने के लिए रांची जाना पड़े तो कितना खर्च आयेगा उसमे भी एक गरीब व्यक्ति को ————–?
15-20 किलोमीटर दूरी तय कर एक व्यक्ति आधार ठीक करवाने के लिये जिला केन्द्र जाता है — उसका खर्च इस प्रकार है — आने – जाने का 60 रुप्ये , फिर चाय 10 रुप्ये अर्थात 100 सिर्फ आवागमन पर खर्च फिर आधार अपडेट का चार्ज.
इस तरह अगर बृद्ध और बच्चे को ले जाना पडे तो दो आदमी का खर्च 200 रुपया सिर्फ आवागमन मे खर्च ।
यही काम पंचायत में सीएससी सेंटर पर होता था तो सिर्फ 50 रुपए में कार्ड लाभूको के घर पर पहुँच जाता था।
बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए ही तो सीएससी की योजना लाया गया था ताकि रोजगार मिल सके।
इन युवाओ से काम छीन लिया गया और यही काम — बैंक वाले जो 50 -80 हजार रूपये तक वेतन पाते है, बीएसएनएल के मैनेजर सरकारी वेतन लेते है,उनको काम दिया। जबकि बीएसएनएल के सिम लेने के लिए 20 किलोमीटर उसके कार्यालय जाना पड़ता है। इस परिधि मे कोई सेंटर नहीं है जहां पर सिम मिल सके या रिचार्ज कर सके।
जो युवा मोदी जी के पक्के समर्थक थे उनसे रोटी छीनी गई , तो स्वाभाविक है की वे भी गद्दी छीनेंगे।
नीतीश सरकार ने सीएससी का नक़ल कर वसुधा और सहज केंद्र खोलने का स्वांग रचा। जिनके पास कंप्यूटर लड़के नहीं है ,कोई इंफ्रास्टक्टर नहीं है, इतने भद्दी पीटने के बाद भी वे सीएससी को रोजगार नहीं दे रहे है की सीएससी मोदी जी के है , हमारी नहीं , इसीलिए सीएससी को काम नहीं दें।
बिहार सरकार की यह स्थिति है की ऑनलाइन आवेदन को हस्त लिपि से सत्यापित की जा रही है। ऑनलाइन आवेदन करे और हार्ड पेपर भी जमा करवाए। यह है बिहार सरकार की ऑनलाइन व्यवस्था।
मैं फिर कह रहा हूँ अगर बीजेपी को लोकप्रिय बनाना है तो युवाओं को रोजगार देना होगा।
अगर इन युवाओं को नजरअंदाज करते है तो कोई राम,रहीम और केदारनाथ का महादेव साथ नहीं देगा।
इसलिए धरातल पर आये।
सीएससी के पास ना आधार काम है, न वोटर आईडी काम अर्थात न केंद्र का काम और न राज्य सरकार का काम।
क्या बीजेपी सरकार यह बताने मे समर्थ है की ऐसा मूर्ख सलाहकार को आपने स्थान क्यों दिया, वह कौन सा विशेषज्ञ है जो युवाओं से रोजगार छीनने की सलाह दी और प्रधानमंत्री कार्यलय ने उसे मूर्त रूप दिया है।
सवाल है,जब सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को कभी दिल से मंजूरी नही दी,जब भी कोई फैसला दिया, उस पर कैंची चलाई इस अवस्था में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार कर बीजेपी सरकार ने आधार को अनिवार्य क्यों किया ?
परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। धृष्ट राष्ट्र खुद कुल को सत्यानाश किया कोई कृष्ण और पांडव नहीं।