- November 25, 2015
धन की मांग करने की प्रवृति: परियोजनाएं लंबे समय तक लंबित – राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह
केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने राज्य सरकारों द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया। अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों की नई परियोजनाओं के लिए धन की मांग करने की प्रवृति होती है जबकि चल रही परियोजनाएं लंबे समय तक लंबित पड़ी रहती हैं।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरण रिजिजू ने एक विशेष आमंत्रित के रूप में विचार-विमर्श में भाग लिया और कहा कि परियोजनाओं में देरी करना अस्वीकार्य है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास सचिव श्री नवीन वर्मा ने सद्स्यों को अवगत कराया कि परियोजनाओं का बैकलॉग अब 2,000 करोड़ रूपये से भी अधिक हो गया है। सदस्यों ने नॉन लेपसेबल सेन्ट्रल पूल ऑफ रिसोर्सिज (एनएलसीपीआर) के उपयोग के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने परियोजनाओं को लागू करने में देरी होने और धन के दुरुपयोग के बारे में चिंता व्यक्त की।
विचार-विमर्श में भाग लेते हुए मेघालय से लोकसभा सांसद श्री पी.ए.संगमा ने कहा कि पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) को केवल वित्त पोषण एजेंसियों के रूप में ही कार्य नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें परियोजना की निगरानी करने की भी योजना बनानी चाहिए। मेघालय से लोकसभा सांसद श्री विंसेंट एच.पाला ने परियोजनाओं के समय पर निष्पादन को देखने के लिए सतर्कता और निगरानी समिति गठित करने का प्रस्ताव किया। सिक्किम से लोकसभा सांसद श्री प्रेम दास राय ने भी विशेष आमंत्रित के रूप में इस बैठक में भाग लिया। पूर्वोत्तर परिषद के सचिव श्री रामगनिंग मुइवाह भी इस बैठक में शामिल हुए।