- April 25, 2022
धन और सेक्स ही स्वर्ग
महिला या औरतों का एक ही ऑब्जेक्टिव — धन और सेक्स।
ये दोनो उसे जहां मिल जाती है , उसके लिय स्वर्ग या भगवान वही है।
धन और सेक्स प्राप्ति के लिए कुछ भी कर सकती है।
इसी का फ़ायदा उठा रहा है धार्मिक संस्था, चाहे वह ओशो रजनीश का केंटीन हो या सनातन सन्यासी भेष में धार्मिक गुरु।
अत: यह कोई खबर नही की प्राइवेट जेट में रईसों का रखैल या मंत्रियों , विधायकों या हाय प्रोफाइल की रंग रेलियां का भंडाफोड़।
सनातन धर्म हमेशा महिलाओं को रखैल बना रखा, उसे पूजा पाठ करने तक पर प्रतिबंध था।
आज भी सुश्री मायावती , श्री जीतन राम मांझी ,वर्ग की महिलाएं मंदिर में प्रवेश करने से वंचित है।
आज कल जो कलश यात्रा हो रहा है , यह पूर्व में भी संदिग्ध प्रथा थी।
भारत में धार्मिक आंदोलन ने वैदिक धर्म , वैष्णवी या शक्ति उपासकों के समय नैतिक मानसिक परिवर्तन हुआ लेकिन सनातनियों की मानसिकता में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
हाल फिलहाल में स्व जय ललिता ने एक बंदूक और लाठी के बल पर एक कुकर्म प्रथा को खत्म किया।
इसी कुरीतियों के कारण बुद्ध काल में महिलाओं का धर्म में प्रवेश वर्जित था।
जागरूकता के कारण वर्तमान की महिलाएं कही हद तक जाती है, उच्चश्रिंखल है। अपने अपने उल्लू सीधा करने के लिए पुरुष खुद महिला को पड़ोसता है।
इसलिए यह कोई एक्सक्लूसिव न्यूज नही है, हां उसके लिय न्यूज है जो राइटर्स को पेज पर स्थान नही दिया है, आईं – बाईं समाचार पड़ोसता फिरता है।
प्राइवेट सेक्टर, सरकारी विभागीय या मंत्री का सेक्रेटरी।
हर स्तर पर उपयोग हो रहा है, जब तक हां में हां हो रहा है ठीक , अन्यथा पेपरबाजी।
जनता की मूल भूत समस्याओं को छोड़ राजनीतिक दलों, सत्ता दल के परिक्रमा करने वाले ही ऐसे न्यूज कवर करने में समय व्यर्थ कर रहे है।