दो साल का तेन्दूपत्ता बोनस नहीं -कलेक्टर से चौबीस घंटे के भीतर मांगी जांच रिपोर्ट

दो साल का तेन्दूपत्ता बोनस नहीं -कलेक्टर से चौबीस घंटे के भीतर मांगी जांच रिपोर्ट

छत्तीसगढ————-लोक सुराज अभियान के तहत आज दोपहर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायत मुख्यालय सहसपुर (विकासखंड छुई खदान) के समाधान शिविर में शामिल हुए। यह गांव मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले की सीमा स्थित है। शिविर में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि लघु वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वाले वनवासियों को विगत दो वर्ष (2015 और 2016) का प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) नहीं मिला है।

मुख्यमंत्री ने इस शिकायत को काफी गंभीरता से लिया और वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एस.डी.ओ.) और रेंजर को मौके पर तलब कर इस बारे में जानकारी मांगी। डॉ. सिंह ने उनसे संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की और कलेक्टर को 24 घंटे के भीतर इस मामले की जांच करने तथा रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि तेन्दूपत्ता संग्रहण करने वालों के साथ अन्याय नहीं होगा। उन्हें उनका बकाया बोनस जरूर दिलाया जाएगा। डॉ. सिंह ने ग्रामीणों को बताया कि राज्य सरकार ने इस वर्ष से तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए पारिश्रमिक की राशि 1500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 1800 रूपए कर दी है।

उन्होंने समाधान शिविर की जनसभा में ग्रामीणों के आग्रह पर सहसपुर-रेंगाखार दो किलोमीटर सड़क निर्माण, सहसपुर में नल-जल योजना और नवीन पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति तुरंत प्रदान कर दी। डॉ. सिंह ने निकटवर्ती ग्राम साल्हेवारा में राष्ट्रीकृत बैंक खोलने के लिए राज्य शासन के स्तर पर त्वरित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड को सरकार के स्तर पर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

समाधान शिविर में सहसपुर सहित आस-पास की 10 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सहसपुर, साल्हेवारा, जमेनिया, भाजीडोंगरी, खादी, आमगांवघाट, जामगांव, समनापुर, गोलरडीह और देवपुरघाट के आश्रित गांवों से बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा- इन गांवों में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए जहां आवश्यक होगा, वहां कुंए और नलकूप खोदकर सोलर पम्पों से पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। डॉ. सिंह ने इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से समीपवर्ती ग्राम नवागांव में लगभग 18 एकड़ की वनभूमि में सघन वृक्षारोपण कराने का अनुरोध किया। डॉ. सिंह ने कहा कि इस संबंध त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री को शिविर में छठवीं कक्षा के छात्र मनीष जंघेल ने छत्तीसगढ़ के अमर शहीद वीर नारायण सिंह पर आधारित कविता सुनाई। मुख्यमंत्री ने इस बच्चे को शाबाशी दी और उसे लोक सुराज का कैप भेंट कर उसका उत्साह बढ़ाया। डॉ. सिंह ने इस दौरान कई स्कूली बच्चों को पास बुलाकर उनसे पहाड़ा सुना। कई बच्चों से कविताएं सुनी और उनका भी हौसला बढ़ाया।

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