- January 10, 2015
देश-विदेश में निवासरत भारतवासियों को मध्यप्रदेश आने का आत्मीय न्यौता
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने देश-विदेश में निवासरत भारतवासियों को मध्यप्रदेश आने का आत्मीय न्यौता दिया है। उन्होंने कहा है कि निवेश करें या नहीं, मध्यप्रदेश जरूर आयें। श्री चौहान आज गुजरात में गाँधीनगर के महात्मा मंदिर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। सम्मेलन में मध्यप्रदेश सहित नौ राज्य के मुख्यमंत्री मौजूद थे। श्री चौहान ने कहा कि हमारी औद्योगिक नीति निवेशक मित्र है। यहाँ सातों दिन 24 घंटे बिजली रहती है। पहले यह चमत्कार गुजरात ने किया था। अब मध्यप्रदेश के गाँवों में भी बिजली नहीं जाती। मध्यप्रदेश शांति का टापू है। यहाँ उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम का भेद नहीं है। मध्यप्रदेश में जो भी आता है यहाँ का हो जाता है। यहाँ सब आपला मानुष है। मध्यप्रदेश पहले डाकुओं के लिये कुख्यात था अब डाकू या तो ऊपर हैं या जेल में। श्री चौहान ने कहा मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति है। औद्योगिक शांति है। यहाँ चाहे जो मजबूरी हो मांग हमारी पूरी हो, हमसे जो टकरायेगा मिट्टी में मिल जायेगा जैसे नारे सुनाई नहीं देते। निवेशकों की सुविधा के लिये हमने सिंगल विंडो नहीं सिंगल डोर पालिसी बनायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्वयं प्रति सोमवार आधा दिन निवेशकों से सीधे मिलता हूँ। संबंधित विभागों के अधिकारी भी वहाँ उपस्थित रहते हैं। निवेशकों से जुड़े मसलों पर तुरंत फैसले होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एन. आर. आई. के लिये मध्यप्रदेश में एक नया प्रकोष्ठ बनाया जायेगा। हर प्रोजेक्ट के लिये अलग अधिकारी नियुक्त होगा। श्री चौहान ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है। इसे सफल बनाने के लिये मुख्यमंत्री ने ‘मेक इन मध्यप्रदेश’ का आव्हान करते हुए निवेशकों से कहा कि वे मध्यप्रदेश आयें, उन्हें यहाँ सभी आवश्यक सुविधाएँ दी जायेंगी। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पहले बीमारू राज्य कहा जाता था। नौ साल पहले जब मैं मुख्यमंत्री बना उस समय केवल तीन घंटे बिजली आती थी। सड़कों का अता-पता नहीं था। अब मध्यप्रदेश की विकास दर 11.08 प्रतिशत है जो देश में सर्वाधिक है। पिछले 10 वर्ष से लगातार प्रदेश की विकास दर डबल डिजिट में है। उस समय सिंचाई केवल 7.5 लाख हेक्टेयर में बा-मुश्किल हो पाती थी। अब सिंचाई का रकबा बढ़कर 27.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि कृषि में 24.99 प्रतिशत विकास दर के साथ मध्यप्रदेश देश ही नहीं दुनिया में सबसे आगे है। प्रदेश गेहूँ उत्पादन में पिछले वर्ष हरियाणा से आगे था। इस वर्ष पंजाब से भी आगे होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश की औद्योगिक विकास दर भी अच्छी है पर इससे अभी संतोष नहीं। उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये श्री चौहान ने पिछली ग्लोबल इन्वेटर्स समिट का विशेष उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश बहुत अच्छा प्रदेश है। यहाँ निवेशकों को आशातीत सफलता मिलेगी। श्री चौहान ने प्रदेश के पर्यटक आकर्षणों का भी अपने संबोधन में विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा यहाँ तीन विश्व धरोहर हैं। नौ नेशनल पार्क हैं जहाँ बाघ से सीधा साक्षात्कार होता है। बारह ज्योर्तिलिंगों में से दो महाकालेश्वर एवं ओंमकारेश्वर मध्यप्रदेश में हैं। अगले वर्ष अप्रैल में 12 वर्ष बाद सिंहस्थ होने जा रहा है। उज्जैन में होने वाले इस महाकुंभ में सनातन परम्परा के अनुसार शाही स्नान तो होगा ही साथ ही यह सिंहस्थ विश्व को मानवता, पर्यावरण सुधार, बेटी बचाओ, सभी धर्मों की मूलभूत एकता और नैतिकता का संदेश भी देगा। विश्व विख्यात विद्वतजन इन विषय पर सिंहस्थ में विचार-विमर्श करेंगे। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में आये प्रवासी भारतीय को सिंहस्थ आने का भी निमंत्रण दिया। प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा मुख्यमंत्री के साथ गाँधीनगर (गुजरात) गये थे। |