- March 4, 2023
देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक 7 प्रतिशत बजट राजस्थान
जयपुर————- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान मॉडल स्टेट है। देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक 7 प्रतिशत बजट राजस्थान में खर्च हो रहा है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को ऐसा विस्तार दिया है कि आमजन को मंहगे इलाज की चिंता से हमेशा के लिए मुक्ति मिल गई है।
श्री मीणा विधानसभा में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग (मांग संख्या-27) तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग (मांग संख्या-28) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 101 अरब 74 करोड़ 40 लाख तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की 49 अरब 7 करोड़ 40 लाख 89 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना आम लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसमें 2023-24 के बजट में बीमा की राशि 10 लाख से बढाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है। उन्होंने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से गंभीर बीमारियों का इलाज आसानी से हो रहा है। अब राज्य के बाहर के अस्पतालों में भी इलाज को अऩुमत किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 38 लाख परिवार चिरंजीवी योजना से जुड़े हुए हैं और प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी बीमा से कवर हो गई है। योजना में 1 अप्रेल, 2021 से अब तक लगभग 3566 करोड़ रुपए की राशि व्यय कर लगभग 34 लाख 30 हजार से ज्यादा लाभार्थी मरीजों का उपचार किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज खोलने का निर्णय लिया। वर्ष 2024-25 तक सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोल दिये जाएंगे। राज्य सरकर जालोर, प्रतापगढ़ और राजसमंद में अपने खर्च से मेडिकल कॉलेज खोलेगी। साथ ही, प्रत्येक जिले में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहा है। 25 नर्सिंग कॉलजों का कार्य शुरू भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1002 नए सब सेंटर खोले हैं। इन सेन्टर्स पर 50 प्रकार की दवाइयां एवं 10 प्रकार की जांचें उपलब्ध है।
श्री मीणा ने कहा कि नेशनल फैमेली हैल्थ (2015-16) में राजस्थान की शिशु मृत्युदर 41.3 थी जो कि राष्ट्रीय औसत 40.7 से अधिक थी। राज्य सरकार के गंभीर प्रयासों से इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है। अब राज्य की शिशु मृत्यु दर घटकर 30.3 रह गई है जो कि राष्ट्रीय औसत 35.2 से काफी बेहतर है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार मिलावट के विरूद्ध सख्ती से कार्य कर रही है। प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत कुल 14 हजार 51 नमूने लिए गए है। इनमें से 3770 नमूने अमानक पाए गए। इस अवधि में 3088 प्रकरणों के चालान सम्बन्धित न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए। न्यायालयों द्वारा 2165 प्रकरणों में निर्णय कर लगभग 8.48 करोड़ राशि का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में खाद्य पदार्थो के नमूने लेने के लिए विभाग द्वारा मोबाइल वेन संचालित की जाएगी जिससे मिलावट पर प्रभावी अंकुश लगेगा। साथ ही, विभाग द्वारा फूड सेफ्टी ऑफिसर की भर्ती भी की जा रही है।
श्री मीणा ने बताया कि चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विगत 4 वर्षों में कुल 29 हजार 538 कार्मिकों की नियुक्ति की गई जिनमें 4498 चिकित्सक शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आगामी 2 माह में नर्सिग कर्मियों के सभी पदों को भर दिया जाएगा। 800 पीएचसी में चिकित्सकों का पदस्थापन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग में सिरोही, जोधपुर जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाये है। अब सीएचसी एवं पीएचसी पर चिकित्सक रात 12 बजे बाद भी उपलब्ध रहेंगे। उनकी अनुपस्थिति होने पर संबंधित सीएमएचओ एवं बीसीएमएचओ के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कोरोना काल में बेहतर प्रबन्धन के साथ आमजन को राहत पहुंचाई। भीलवाड़ा व रामगंज मॉडल की चर्चा सभी जगह हुई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशील निर्णय लेते हुए कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक 2500 रूपये प्रति माह आर्थिक सहायता देने का निर्णय किया है। वयस्क होने पर 5 लाख रूपये की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। साथ ही, भविष्य में योग्यता के अनुसार इन्हें सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ’राइट टू हैल्थ’ बिल राजस्थान की जनता के हित में है, यह पास होना चाहिए। उन्होंने इस पर सदन से एक राय बनाने का आग्रह किया। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राइट टू हैल्थ के अंतर्गत इमरजेंसी में इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। श्री मीणा ने कहा कि प्रदेश में 75 जनता क्लीनिक शुरु किए जा चुके हैं तथा जहां भी भवन उपलब्ध होगा वहां 1 अप्रेल तक जनता क्लीनिक शुरु कर दिए जाएंगे।
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