दिव्‍यांगजन अधिकार लागू करने में चुनौतियों के विषय में राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी

दिव्‍यांगजन अधिकार लागू करने में चुनौतियों के विषय में राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी

पीआईबी (दिल्ली)———–समाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्‍यांगजनों के लिए मुख्‍य आयुक्‍त के कार्यालय ने आज यहां दिव्‍यांगजन अधिकार लागू करने में चुनौतियों के विषय में राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी का आयोजन किया ताकि दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को कारगर तरीके से लागू करने की योजना बनाई जा सके और भारत के दिव्‍यांगजनों के कल्‍याण के लिए अधिनियम को व्‍यापक रूप से लागू करने की बेहतरीन रणनीति तय की जा सके। संगोष्‍ठी का उद्घाटन दिव्‍यांगजन अधिकारिता विभाग के सचिव श्री एनएस कंग ने किया।

दिव्‍यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 को संसद द्वारा शीतकालीन सत्र में 14 दिसम्‍बर 2016 को पारित किया गया और अधिनियम 28 दिसम्‍बर 2016 को अधिसूचित हुआ। इस अधिनियम में दिव्‍यांगजनों के अधिकारों और विशेष अधिकारों की रक्षा के लिए व्‍यापक प्रावधान हैं।

इन प्रावधानों में सेवाओं में आरक्षण बढ़ाना और अधिनियम के अंतर्गत दिव्‍यांगता की अतिरिक्‍त 14 श्रेणीयों को शामिल करना है। इन 14 श्रेणियों में ऐसिड अटैक पीडित, थेलसेमिया, हिमोफीलिया, बौनापन, सीखने की असमर्थता और पारकिंसन बीमारी हैं। नये प्रावधान और दिव्‍यांगता की श्रेणियां 2007 के संयुक्‍त राष्‍ट्र समझौता की सिफारिशों के अनुरूप तय की गई हैं। भारत ने इन सिफारिशों पर हस्‍ताक्षर किया है।

इस अवसर पर श्री कंग ने दिव्‍यांगजनों के कल्‍याण के लिए अधिनियम में शामिल किये गये प्रावधानों और सुविधाओं पर प्रकाश डाला और दिव्‍यांगजनों को उनके अधिकारों और विशेषाधिकारों का पूरी तरह समर्थन कर राष्‍ट्र की मुख्‍य धारा में लाने के बारे में समाज में जागरूकता पैदा करने पर बन दिया। उन्‍होंने स्‍वयं सेवी संगठनों से इस कार्य के लिए आगे आने और इस अधिनियम को सफलता मिशन बनाने में योगदान करने का आग्रह किया।

नेशनल ट्रस्‍ट के सीईओ मुकेश जैन ने अधिनियम में दिव्‍यांगजन के लिए विभिन्‍न प्रावधानों संविधान द्वारा प्रदत्‍त अधिकारों और विशेषाधिकारों की चर्चा की। उन्‍होंने इस कार्य में अग्रणी कदम उठाने के लिए सीसीपीडी के प्रयासों की सराहना की।

दिव्‍यांगजनों के लिए मुख्‍य आयुक्‍त डॉ. कमलेश कुमार पांडेय ने दिव्‍यांगजनों के कल्‍याण विकास और पुर्नवास की दिशा में विशेष ध्‍यान दिये जाने और समाज में उनकी पूरी भागीदारी सुनिश्चित करने के भारत सरकार और प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि उनका कार्यालय इस मिशन की सफलता में पूरा सहयोग देगा।

पैनल संवाद का संचालन डीईपी डब्‍ल्‍यू डी के संयुक्‍त सचिव श्री एके अवस्‍थी ने किया और श्री मुकेश जैन ने अधिनियम को कारगर तरीके से लागू करने की सिफारिश की। इस बारे में भूतपूर्व सीसीपीडी श्रीमती उमा तुली, श्री पीके पिंचा और सीबीएम की निदेशक सुश्री सारा वर्गिस ने भी इस दिशा में आगे बढने में अपनी राय व्‍यक्‍त की।

Related post

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

सामाजिक न्याय की योद्धा अनुप्रिया

अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)———-  कुछ सवाल एक नहीं, अनेक बार उठते रहे हैं, जैसे स्वतंत्रता के…
कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए  जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

कैदी की पैरोल अर्जी खारिज करने के लिए जेलर पर 25,000 रुपये का जुर्माना

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नासिक जेल के जेलर पर कानून का उल्लंघन करते हुए और ऐसा करने…
स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले  :  जमानत मंजूर: जमानत देने के खिलाफ फैसला

स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले : जमानत मंजूर: जमानत देने के खिलाफ फैसला

कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली खंडपीठ ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में…

Leave a Reply