दिव्यांग पत्रकार को जन्मोत्सव मनाने की अनुमति नहीं

दिव्यांग पत्रकार को जन्मोत्सव मनाने की अनुमति नहीं

बैतूल,( मध्यप्रदेश ) ———– भारत निर्वाचन आयोग पर यूं तो सैकड़ो आरोप – प्रत्यारोप लगते रहते है, कोई न कोई पार्टी या दल का नेता चुनाव आयोग को आरोपो के कटघरे में ला खड़ा करता है।

मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के एक दिव्यांग पत्रकार ने चुनाव आयोग पर पत्थर दिल का होने का आरोप लगाते हुए आयोग की ओर से अभी तक उसके 55 वे जन्म दिन मनाने की अनुमति नहीं मिलने या उसकी प्रार्थना को लिखित रूप से अस्वीकार किए जाने के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है।

मध्यप्रदेश – महाराष्ट्र से लगे संसदीय क्षेत्र क्रमांक २९ में बीते ३९ वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत रामकिशोर दयाराम पंवार ने बीते दो माह पूर्व लोकसभा चुनाव होने के समय एक आवेदन पत्र देकर मतगणना दिवस २३ मई २०१९ को आने वाले उसके जन्म दिन को मीडिया कक्ष में मनाने की अनुमति मांगी थी।

श्री पंवार ने आवेदन पत्र में जानकारी दी थी कि उसके ऐसा करने से न तो उस समय मतदान या मतदाता या मतगणना प्रभावित होगी क्योकि मीडिया कक्ष मतगणना केन्द्र से काफी दूर बना है। मीडिया कक्ष में अपने पत्रकार साथियों के बीच सादगी पूर्ण तरीके से 55 वां जन्म दिन मनाने की इच्छा जतलाई थी।

श्री पंवार ने इस संदर्भ में अमेरिका से राष्ट्रपति से लेकर भारत के राष्ट्रपति तक से गुहार लगाई है। जहां एक ओर बीते एक दशक पूर्व एक दुर्घटना में अपने सीधे पैर को दुर्घटना ग्रसित हो जाने के कारण बैसाखी के सहारे चलने वाले रामकिशोर दयाराम पवार की अजीबो – गरीब गुहार के आगे भारत निर्वाचन आयोग के संवेधानिक संकट पैदा कर दिया है, वहीं दुसरी ओर उसने न्याय न मिलने की स्थिति में भारत की न्याय पालिका में एक दया याचिका प्रस्तुत करने की चेतावनी भी दे डाली है।

उल्लेखनीय है कि बीते माह की 12 अप्रेल २०१९ को पोस्टल रजिस्टर्ड डाक से व्हाईट हाऊस वाशिंगटन अमेरिका के पते एवं स्वंय श्री डोल्डान जे ट्रम्प के टिवट्र एकाऊंट पर पोस्ट करके आवेदन पत्र की प्रतियां भेजते हुए मध्यप्रदेश – महाराष्ट्र की सीमा पर बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले संसदीय क्षेत्र क्रमांक 29 के बैतूल जिला मुख्यालय स्थित वार्ड क्रमांक ३ , मतदान केन्द्र आंगनवाड़ी केन्द्र 3, पटेल स्कूल मालवीय वार्ड खंजनपुर के मतदाता क्रमांक १२१८३७९ श्री रामकिशोर दयाराम पवार (उम्र 54 वर्ष 10 महीने) ने भारत सरकार के मुख्य निर्वाचन आयुक्तसे आने वाली 23 मई २०१९ दिन गुरूवार को उसके (रामकिशोर पवार) आने वाले 55 वे जन्मोत्सव को मनाने की अनुमति मांगी है।

अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दू मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र की सीमा से लगे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले में बीते 39 वर्षो से पत्रकारिता कर रहे एक विकलांग पत्रकार रामकिशोर दयाराम पवार ने अब पूरे मामले में भारत के राष्ट्रपति , मानव अधिकार आयोग, भारत निर्वाचन आयोग के बाद सीधे विश्व की सात बड़ी महाशक्तियों में से एक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प से मदद मांगी है।

अमेरिका के राष्ट्रपति को टिवट्र एवं इमेल करके भेजे पत्र में रामकिशोर दयाराम पवार ने निवेदन किया है कि वह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चल रहे महापर्व (लोकसभा चुनाव २०१९) के लिए 6 मई दिन सोमवार को मतदान हो जाएगें। इन सभी मतपत्रो की बैतूल जयवंती हक्कसर महाविद्यालय स्थित मतगणना परिसर में 23 मई २०१९ दिन गुरूवार को सुबह 7 बजे से होगी। संसदीय क्षेत्र क्रमांक 29 की मतगणना के दिन गुरूवार 23 मई २०१९ को संयोग से बैतूल जिले के सबसे सक्रिय एवं वरिष्ठ पत्रकार / लेखक रामकिशोर दयाराम पवार का 55 वां जन्मदिन आ रहा है जिसे मनाने के लिए मतगणना केन्द्र (परिसर) के पास बनाए मीडिया कक्ष में सादगी पूर्ण ढंग से अपने पत्रकार मित्रो के संग जन्मदिन मनाने की अनुमति दिलवाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि बीते 28 मार्च २०१९ से श्री पवार लगातार इस संदर्भ में पत्राचार कर रहे है। श्री पवार के अनुसार बैतूल जिले का लोकसभा चुनाव के लिए पांचचे चरण में 6 मई २०१९ को मतदान होना है। 23 मई २०१९ को मीडिया कक्ष में न तो मतदाता उपस्थित रहते है और न मतमगणना होती है। ऐसे में किसी के जन्मदिन से मनाने में कौन सी आचार संहिता का उल्लघंन हो जाएगा। श्री पवार ने कहा कि मतगणना केन्द्र पर जिस समय लंच होता है ठीक उसी समय उन्हे भी उनके अपने पत्रकार मित्रो के संग जो मीडिया कक्ष में मौजूद रहेगें केक काट कर सादगी पूर्ण ढंग से 55 वां जन्मदिन मनाने की अनुमति प्रदान की जाए।

इस संदर्भ में श्री पवार ने एक आवेदन 20 मार्च २०१९ को दिया था जिसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि आवेदक विकलांग है, तथा मतगण्ना के दिन पूरे दिन मीडिया कक्ष में अपने पत्रकारो के साथ मौजूद रह कर उन समाचार पत्रो को अपडेट जानकारी उपलब्ध करवाएगा जिसके द्वारा उसे बैतूल जिले के लिए प्रतिनिधि नियुक्तकिया गया है। मतगणना केन्द्र से सिर्फ अपने जन्मदिन को बाहर आकर मनाने के लिए वह बैसाखी से बार – बार आना – जाना नहीं कर कसता क्योकि ऐसा करने से उसे शारीरिक पीड़ा होगी। श्री पंवार अपने कुछ मित्रो के साथ उसके जीवन में दुबारा न आने वाले 55 वे जन्मदिन का जश्र सागी पूर्ण ढंग से मीडिया कक्ष में मनाना चाहता है।

सिर्फ केक काट कर अपने 55 वे जनमदिन की औपचारिकता पूरा करने के लिए श्री पंवार ने जो 12 से 2 बजे का समय मांगा है उस समय मतगणना केन्द्रो पर लंच टाइम होता है। 23 मई 1964 को ग्राम रोंढ़ा में सेवानिवृत वनपाल श्री दयाराम पवार एवं श्रीमति कसिया बाई दयाराम पवार के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में जन्मे रामकिशोर पवार 39 वर्षो से पत्रकारिता एवं लेखन के क्षेत्र में कार्यरत है।

श्री पंवार ने अपने आवेदन पत्र में आधार कार्ड, विकलांग मतदाता प्रमाण पत्र , प्रेस कार्ड, आधार कार्ड भी संलग्र किया है। श्री पंवार ने 20 मार्च से लगातार इस मांग को लेकर पत्राचार जारी रखा है तथा वे स्वंय समय – समय पर रिर्टनिंग आफिर लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 29 के नोडल अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष भी रख रहे है। श्री पवार ने अभी तक उनको जन्मदिन की अनुमति न मिलने की स्थिति में बेतूल से लेकर वाशिंगटन यूएसए तक गुहार लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

बैतूल निर्वाचन विभाग की ओर से आज दिनांक तक आवेदक को जनमदिन की अनुमति को लेकर कोई हां या न का जवाब नहीं दिया गया है जिसके चलते पूरा मामला इन दिन सुर्खियों में है। देश के लोकसभा संसदीय क्षेत्र के चुनाव के इतिहास में किसी भी व्यक्ति ने मौलिक अधिकारो की दुहाई देकर मतदान या मतगणना केन्द्र पर जन्मदिन मनाने की अनुमति नहीं मांगी है।

अकसर चुनाव आयोग मतदान के दौरान ऐसे किस्सो को सुर्खियों में लाता है जब कोई विचित्र परिस्थिति में मतदान करने पहुंचता है। अब देखना बाकी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति पूरे मामले में क्या रूख अपनाते है या भी नहीं !

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply