- November 10, 2016
दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए ‘कहीं भी-कभी भी’ चिकित्सा
पेसूका —————– श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कल यहां दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए ‘कहीं भी-कभी भी’ चिकित्सा सुविधा का शुभारंभ और ईएसआई डिस्पेंसरी की ‘छह बिस्तरों वाली डे-केयर यूनिट’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि द्वारका की ईएसआईसी डिस्पेंसरी अब एक पूर्ण इकाई बन गई है, जिसमें जनरल ओपीडी, परिवार कल्याण सेवाएं, प्रयोगशाला और एक्स-रे तथा नैदानिक देखभाल जैसी चिकित्सा सुविधाएं हैं।
अब दिल्ली के बीमित व्यक्तियों और उनके परिजनों को डायरिया, तेज बुखार, अस्थमा के दौरे, पेट और छाती के दर्द जैसी छोटी-छोटी बीमारियों के लिए ईएसआईसी अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा दिल्ली के नंदनगरी, मंगोलपुरी और ज्वालापुरी में ईएसआईसी की तीन और डिस्पेंसरियों में डे-केयर केन्द्र बनाए जाएंगें, जहां ओपीडी के काफी मरीज होते हैं। इससे दिल्ली के सभी क्षेत्र कवर हो जाएंगे।
मंत्री महोदय ने कहा कि ईएसआई निगम ने देश भर की विभिन्न ईएसआई डिस्पेंसरियों में छह बिस्तरों वाले डे-केयर केन्द्र खोलने का फैसला किया है। ये केन्द्र चिकित्सा सुविधा के साथ अपने आप में एक पूर्ण इकाई होंगे। चिकित्सा सुविधा में सुधार के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर दंत चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, योग, एक्स-रे इकाई जैसी सुविधाएं और लाभ नहीं उठा पाने वाले मातृ-शिशु की पहचान, बीमित व्यक्ति को उसके घर तक दवाई पहुंचाने के लिए कोरियर सेवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। दिल्ली में बसेईदारापुर, रोहिणी, ओखला और झिलमिल के सभी चार ईएसआईसी अस्पतालों को भी सुरपरस्पेशलिटी अस्पताल में तब्दील किया जाएगा।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि ईएसआईसी सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा संगठन बन गया है, जो ईएसआईसी के सभी लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर प्रत्येक बीमित के साथ महत्वपूर्ण व्यक्ति जैसा व्यवहार करता है।
मंत्री महोदय ने बताया कि दिल्ली के ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए ‘कहीं भी-कभी भी’ के रूप में ईएसआईसी ने एक कदम उठाया है। ‘कहीं भी’ का मतलब कोई डिस्पेंसरी/अस्पताल और ‘कभी भी’ का मतलब किसी भी समय है। अब बीमित व्यक्ति और उसके परिजन किसी भी समय दिल्ली की सभी डिस्पेंसरियों में इलाज करवा सकते हैं। अपने कार्यस्थल या घर के नजदीक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होने से मरीज का समय बचेगा।
इस अवसर पर संसद सदस्य श्री रमेश बिधुरी तथा श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।