- February 25, 2024
दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त से छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट : एनएचआरसी
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, एनएचआरसी, भारत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया है कि दिनांक 15 फरवरी, 2024 को दिल्ली के अलीपुर में एक पेंट कारखाने में लगी भीषण आग के कारण सात श्रमिकों की जलकर मौत हो गई। कथित तौर पर, अधिक श्रमिकों की मौत भी हो सकती थी, जैसा कि आग से बचने के लिए कारखाने से बाहर निकलने हेतु केवल एक ही गेट था तथा कोई आपातकालीन निकास नहीं था। पीड़ितों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री, यदि सही है, तो यह पीडि़तों के मानव अधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठाती है। तदनुसार, आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति और पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे का विवरण शामिल होना चाहिए। आयोग इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानना चाहेगा।
नोटिस जारी करते हुए, आयोग ने आगे पाया है कि यह आग लगने की कोई अकेली घटना नहीं है, जहां हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में नियोक्ताओं और अधिकारियों की लापरवाही के कारण निर्दोष श्रमिकों की मौतें हुई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि लोक सेवकों ने पिछली त्रासदियों से कोई सबक नहीं लिया है।
इसलिए, आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में फैक्टरी अधिनियम के अनुसार सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किए बिना अवैध रूप से चल रही खतरनाक रसायनों और अन्य ज्वलनशील पदार्थों का निर्माण करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों का सर्वेक्षण करने और छह सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में निर्दोष लोगों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन करने वाली ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हों, यह सुनिश्चित करने हेतु उठाए गए/उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मई, 2022 में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में भीषण आग लगने से बीस लोगों की जान चली गई थी। जनवरी 2018 में, दिल्ली में उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक अवैध पटाखा पैकेजिंग इकाई में आग लगने से सत्रह श्रमिकों की मौत हो गई।