दिनदहाड़े गला काट कर हत्या सहपाठी अभिषेक बैजू गिरफ्तार

दिनदहाड़े गला काट कर हत्या सहपाठी अभिषेक बैजू  गिरफ्तार

(The News Minute)

केरल के कोट्टायम जिले में एक और भीषण अपराध में, एक युवती जो अपने कॉलेज में परीक्षा देने आई थी, की शुक्रवार, 1 अक्टूबर को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। घटना कोट्टायम के सेंट थॉमस कॉलेज पाला परिसर में सुबह करीब साढ़े 11 बजे हुई। मृतक की पहचान कॉलेज में फूड टेक्नोलॉजी की छात्रा निधि मोल के रूप में हुई है। उसका गला काट कर हत्या करने वाले उसके सहपाठी अभिषेक बैजू को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

कॉलेज में चौकीदार के रूप में काम करने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी जोस ने मीडिया को बताया कि उसने उन दोनों को आम के पेड़ के नीचे खड़े होकर बहस करते देखा था और उसने हस्तक्षेप करने की कोशिश की। जोस ने समाचार चैनलों को बताया, “तभी मैंने देखा कि उसकी गर्दन से खून बह रहा था।” न केवल जोस, बल्कि कई अन्य लोगों ने भी निधि और अभिषेक को बहस करते हुए देखा और फिर उसने उस पर चाकू से हमला कर दिया।

अभिषेक ने निधि का गला काटने के लिए पेपर कटर चाकू का इस्तेमाल किया। कार्यालय के चार कर्मचारी तुरंत निधि को पास के एक अस्पताल ले गए, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। स्टाफ के एक सदस्य ने मीडिया को बताया, “जब हम उसे वाहन में ले आए तो उसकी सांसें चल रही थीं। लेकिन जब हम यहां पहुंचे तो अस्पताल ने कहा कि उसकी मौत हो गई है।”

कोट्टायम की पुलिस अधीक्षक शिल्पा दयावैया ने मीडिया से कहा, “अब हम समझ गए हैं कि वह (मृतक) का सहपाठी था। उसे हिरासत में ले लिया गया है।” पुलिस आगे के विवरण की जांच कर रही है जैसे कि अपराध का मकसद और क्या यह एक सुनियोजित था। मीडिया से बात करने वाले कई छात्रों ने कहा कि अभिषेक और निधि करीबी दोस्त थे।

निधि और अभिषेक, दोनों कॉलेज में फूड टेक्नोलॉजी की डिग्री के तीसरे वर्ष के छात्र, पूरक परीक्षा के लिए कॉलेज आए थे और निधि के परीक्षा हॉल से बाहर आने के बाद अपराध हुआ था। कुछ अन्य छात्रों ने उसे जमीन पर गिरते देखा। अभिषेक कथित तौर पर तब निधि की तरफ खड़े थे।

जुलाई में, एर्नाकुलम जिले के कोठामंगलम के नेल्लीकुझी में 30 साल की उम्र में एक व्यक्ति, राखिल रघुथमन ने 24 वर्षीय मनसा माधवन को गोली मार दी थी। मानसा कोठामंगलम के गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज में हाउस सर्जरी कर रही थीं। खुद को मारने वाला राखिल कई दिनों से मनसा का पीछा कर रहा था और हत्या की योजना बना रहा था।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply