- December 16, 2014
दस करोड़ आधार सदस्य बैंक खातों में
नई दिल्ली – सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के हिस्से के रूप में 10 करोड़ आधार सदस्यों के आधार धारकों के खातों से जुड़ने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। इससे दस करोड़ आधार सदस्यों को सरकारी कल्याण सब्सिडी डिजिटल रूप में प्राप्त करने तथा बाधा रहित तरीके से अन्य भुगतान सीधे तौर पर अपने खातों में प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
आधार सदस्यों के बैंक खाते से जुड़ जाने से सरकार के लिए असल लाभार्थियों की पहचान करने, और कल्याण भुगतानों और सब्सिडियों को सीधे बैंक खाते में डालने में आसानी होगी। इस व्यवस्था से आधार सदस्यों को लाभ होगा क्योंकि यह प्रणाली देश के सभी बैंकों में हैं और व्यक्ति देश के दूसरे हिस्से में जाने के बाद भी सब्सिडियों को प्राप्त कर सकता है। इस तरह यह बाधा रहित प्रक्रिया है। अब तक इस प्लेटफॉर्म पर 333 बैंक सक्रिय हैं।
आधार सदस्य को बैंक खाते से जोड़ने के लिए नागरिकों को अपने आधार पत्र या ई-आधार को उस शाखा में सौंपना होगा जिसमें उनके खाते हैं। खाते के चालू हो जाने पर सरकारी विभाग सब्सिडियों का अंतरण सीधे उनके बैंक खातों में कर सकेंगे।
आधार बैंक अकाउंट संपर्क की नवीनतम स्थिति की जांच अपने मोबाइल फोन पर *99*99# डायल करके की जा सकती है। यह सुविधा राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने एक रुपए पचास पैसे प्रति पूछताछ से शुरू किए।
आधार पहचान प्लेटफॉर्म विश्व में सबसे बड़ा बायोमेट्रिक डाटाबेस है और इसका इस्तेमाल एलपीजी उपभोक्ताओं से लेकर मनरेगा कर्मियों, टीडीएस, भेजी हुई रकम तथा छात्रावृत्ति लाभार्थी आदि में होता है। सभी अपने आधार नंबर के जरिए लाभ ले सकते हैं।
9 दिसंबर, 2014 तक एलपीजी के लिए प्रत्येक्ष लाभ अंतरण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्रामीण योजना, आदिवासी कल्याण योजना, पेंशन जैसे 5,151.51 करोड़ रुपये के विभिन्न सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रमों के भुगतान संबधी लगभग आठ करोड़ कारोबार हुए।
12 दिसंबर, 2014 को आधार जारी करने की संख्या 72 करोड़ को पार कर गयी। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों में दस करोड़ से अधिक आधार सदस्य बनाए गए। इन चारों राज्यों की संयुक्त आबादी लगभग 34 करोड़ है और वर्ष के प्रारंभ में यूआईडीएआई को इन राज्यों में आधार जारी करने का काम दिया गया था।
आधार परियोजना के लिए यूआईडीएआई की देश-विदेश में प्रशंसा हुई हैं। भारत की डाटा सुरक्षा परिषद ने ‘सेक्यूरिटी इन ई-गवर्नेंस’ के लिए यूआईडीएआई को सर्वश्रेष्ठ एजेंसी घोषित किया है।