दलित युवक अवनीश की हत्या

दलित युवक अवनीश की हत्या

लखीमपुर खीरी—(उ०प्र०)——— रिहाई मंच, लखीमपुर खीरी ने गोला गोकरननाथ में भूतनाथ के मेले में 9 अगस्त को इन्सानियत को शर्मसार कर देने वाली जघन्य घटना जिसमें एक दलित युवक को चोरी के शक के नाम पर हैवानियत की सारी हदें तोड़कर कुछ दबंगों ने अवनीश उम्र 17 साल निवासी ग्राम नकेडा को जान से मार डाला और उसके एक साथी प्रसून उम्र 13 साल को भी मार मार कर
घायल कर दिया के परिजनों से मुलाक़ात की। 1

रिहाई मंच के प्रतिनिधि मंडल ने मृतक अवनीश के भाई सुशील व माता से मुलाकत करके इंसाफ की इस लड़ाई में उनका साथ देने और लड़ने का वादा किया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय इस घटना को कुछ दबंग अन्जाम दे रहे थे उस समय उस जगह पर दो पुलिस वाले आये थे और इस घटना को नजरअन्दाज करके चले गये थे। अगर पुलिस इस मामले मेँ अपनी सतर्कता दिखाती तो शायद अवनीश  की जान बच जाती।

वहीँ पुलिस इस मामले की लीपा-पोती में लग गई है। उसने अपनी F.I.R. में घटना स्थल से पुलिस चौकी की दूरी 4 कि0मी0 दिखायी है, जबकि वास्तव में घटना स्थल से पुलिस चौकी की दूरी महज आधा कि0मी0 ही है जो पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाती है।

रिहाई मंच ने कहा कि स्पष्ट विवेचना न्याय का आधार होती है। पुलिस इंसाफ से ज्यादा दोषियों व खुद को बचाने की फ़िराक में है ऐसे में किसी स्थानीय जाँच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इस घटना में जिस तरह जाती पूछकर, दलित होने के चलते अवनीश को दुस्साहसिक तरीके से पीट-पीटकर दबंगों ने मार डाला और उसके दोस्त प्रसून को घायल कर दिया उससे पुरे क्षेत्र में दलित वंचित  समाज भयभीत है। ऐसे में इस घटना की स्वतंत्र जाँच एजेंसी से जाँच कराई जाय। क्यों की इस घटना में पुलिस की संलिप्तता भी साफ है कि जब अवनीश को दबंग पीट रहे थे तो वहाँ पुलिस मौजूद थी, जो अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए वहाँ से चली गयी। जिससे सामंती तत्वों के आपराधिक हौसले बुलंद हुए और
उन्होंने दलित के नाम पर युवक की हत्या कर दी।

रिहाई मंच लखीमपुर खीरी के मोनिस अन्सारी, सिद्दीक़ यार खाँ, शारिफ सिददीकी, शहनवाज खान, आसिफ सिददीकी शीबू ,कफील खान, इमरान अन्सारी ने पीड़ित दलित से मुलाक़ात की।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply