• December 1, 2022

तीन दिवसीय क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ का आयोजन

तीन दिवसीय क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ का आयोजन

ग्रीन केयर सोसाइटी मेरठ तथा हिंदी विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ का आयोजन डॉ विजय पंडित के नेतृत्व में बृहस्पति भवन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित किया गया जिसमें भारतीय संस्कृति नदियां और समाज की भूमिका विशेष सत्र में सिरसा से जल स्टार रमेश गोयल, राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरण प्रेरणा एवं पूर्व राष्ट्रीय मंत्री पर्यावरण भारत विकास परिषद मुख्य अतिथि रहे तथा अध्यक्षता डॉक्टर विजय पंडित ने की।

श्री गोयल ने भारतीय संस्कृति का नदियों के किनारे विकसित होने तथा जीवन में जल के महत्व के विषय में विस्तार से जानकारी दी और जल के कारण ही नदियों किनारे सभ्यता संस्कृति का विकास होने के बारे में बताया। उन्होंने समाज द्वारा के द्वारा नदियों में डाले जा रहे मल, कूड़ा करकट, सीवर का पानी तथा फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी के विषय में जानकारी देते हुए इन सब से नदी जल को मुक्त करने के बारे में आहवान किया और कहा कि यद्यपि सरकारी स्तर पर इस विषय में कार्रवाई की जा रही है लेकिन जन सहयोग के बिना यह सब अधूरी व असंभव है इसलिए उपस्थित जन को संबोधित करते हुए उन्होंने जल चालीसा की पंक्तियां दोहराते हुए कहा :

सुन लें जरा नदी की कल कल।
उसमें कभी नहीं डालें मल।।

जब हम संकल्प करेंगे तभी नदियां स्वच्छ रह पाएंगी और पानी की बढ़ती कमी मैं कमी आएगी। उन्होंने जल की कमी के कारण केपटउन साउथ अफ्रीका पानी राशन में मिलने तथा आस्ट्रेलिया में ऊंटों को जिंदा मारे जाने के बारे में बताते हुए साथ-साथ लातूर और चेन्नई की स्थिति के बारे में भी बताया और लोगों को चेताया कि यदि हम पानी बर्बाद करना बंद नहीं करेंगे तथा प्रधानमंत्री के इस आवाहन कि “वर्षा जल जब भी गिरे जहां भी गिरे उसका संग्रहण करें” का अमल नहीं करेंगे तब तक जल की कमी बढ़ती जाएगी।

इस इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में हिंदी की वैश्विक स्थिति, डिटीजल क्रांति में पुस्तकों से दूरी, मेरठ का ऐतिहासिक महत्व, पत्रकारिता आमजन एक फासला, कवि सम्मेलन, मुशायरा तथा पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

Related post

Leave a Reply