तीन तलाक- कोर्ट में सलमान खुर्शीद

तीन तलाक- कोर्ट में सलमान खुर्शीद

क्या तीन तलाक इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है ? -कोर्ट

दोनों पक्षों को मामले में अपने तर्क रखने के लिए दो-दो दिन दिए जाएंगे. उसके बाद दोनों पक्षों को प्रत्युत्तर देने के लिए एक-एक दिन दिया जाएगा.–कोर्ट

तीन तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ का हिस्सा–मुस्लिम समाज1

पति-पत्नी में सुलह की कोशिश नहीं तो तलाक अवैध : खुर्शीद

जब सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से पक्ष रखने को कहा तो खुर्शीद ने कहा कि तीन तलाक कोई मुद्दा नहीं है. क्योंकि तलाक से पहले पति और पत्नी के बीच सुलह की कोशिश जरूरी है.

अगर सुलह की कोशिश नहीं हुई तो तलाक वैध नहीं माना जा सकता.

एक बार में तीन तलाक नहीं बल्कि ये प्रक्रिया तीन महीने की होती है.

जस्टिस रोहिंग्टन ने खुर्शीद से पूछा, क्या तलाक से पहले सुलह की कोशिश की बात का कहीं जिक्र है ?

पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा – नहीं.

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