- January 2, 2016
तालीम के तराने दे रहे तरक्की का सफर – डॉ. दीपक आचार्य उप निदेशक
सू०ज०वि०(उदयपुर) – जीवन निर्माण और विकास के साथ ही सुनहरे भविष्य को पाने में साक्षरता और शिक्षा की रोशनी नितान्त आवश्यक है। राजस्थान में साक्षरता और शिक्षा के विस्तार एवं गुणात्मक विकास के साथ ही हर आयु वर्ग के लोगों को शिक्षा-दीक्षा एवं हुनर से सम्पन्न करने की दिशा में सरकार द्वारा भरसक प्रयासों को अंजाम दिया जा रहा है।
सरकार ने साक्षरता कार्यक्रम को पहली प्राथमिकताओं का हिस्सा माना है। इसके साथ ही महिला साक्षरता के विस्तार पर सर्वाधिक ध्यान केन्दि्रत किया जा रहा है।
बालिका शिक्षा एवं साक्षरता के प्रयासों से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को स्वाभिमानी एवं सम्मानजनक जिन्दगी मुहैया कराने की गतिविधियों को खासा सम्बल प्राप्त हुआ है।
इन्हीं आधारभूत तत्वों को ध्यान में रखते हुए साक्षरता मिशन के अन्तर्गत 15 और इससे अधिक आयुवर्ग को सम्मिलित किया गया है।
उदयपुर जिले में साक्षरता, सतत शिक्षा और विभिन्न स्तरों की शैक्षिक, प्रशैक्षणिक, तकनीकि और उच्च शिक्षा जगत से संबंधित बहुआयामी गतिविधियों के चलते यह संभाग मुख्यालय एजुकेशन हब के रूप में प्रसिद्धि की ओर अग्रसर है।
लोक शिक्षा केन्द्र जगा रहे साक्षरता की अलख
जिले में साक्षरता कक्षा एवं शिविर आधारित रूप से कार्यान्वित इस योजना में उदयपुर की 467 ग्राम पंचायतों के स्तर पर लोक शिक्षा केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जहां पर 1 पुरुष एवं 1 महिला अंशकालीन आधार पर कार्यरत है।
केन्द्र साक्षरता और जीवन पर्यन्त शिक्षा के सांस्थानिक, प्रबंधकीय और संसाधनीय मदद मुहैया कराने के लिए बहुविध सुविधाओं व कार्यों से सुसज्जित हैंं। यह केन्द्र प्रेरकों द्वारा संचालित ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई गई इमारत में संचालित किए जा रहे हैंं। जिसमें कार्यरत पे्ररकों द्वारा निष्पादित की जाने वाली कार्यक्रम संबंधी विभिन्न गतिविधियों के साथ असाक्षरों के पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा है।
पठन-पाठन संबंधी गतिविधियां
साक्षरता की मांग की पूर्ति के प्रयास तथा असाक्षर एवं नवसाक्षरों के लिए पठन-पाठन की प्रवृत्तियाँ संचालित हैं, जिनमें कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम, बुनियादी शिक्षा, तथा सतत शिक्षा के कार्यक्रमों को समेकित रूप से संचालित किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा साक्षरता कक्षाओं के संचालन कर पठन-पाठन कार्य किया जा रहा है।