तहसील कांकेर :: 210 फूलवारी केन्द्र योजना : मितानिन कार्यक्रम

तहसील कांकेर :: 210 फूलवारी केन्द्र योजना : मितानिन कार्यक्रम

छतीसगढ –  ग्राम बागोडार तहसील कांकेर के दर्रीपारा जहां अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग निवासरत है। ये सभी परिवार खेतीहर मजदूर वर्ग के है, जिन्हें रोज खाने के लिए कमाना जरूरी होता है। इसी पारा में मितानिन कार्यक्रम के पूर्व वर्ष 2000 में कुपोषण के कारण दो बच्चों की मृत्यु हो गई थी। मितानिन कार्यक्रम संचालित होने से पारा की मितानिन प्रशिक्षण एवं ब्लाक समन्वयक द्वारा परिवार भ्रमण एवं स्वास्थ्य संबंधि सलाह से लोंगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आयी है।
10 अक्टूबर को दर्रीपारा बागोडार के मितानिन प्रशिक्षण ब्लाक समन्वयक नें फूलवारी योजना के संबंध में पारा वासियों की बैठक आयोजित कर फूलवारी योजना की जानकारी दी। पारावासियों ने फूलवारी योजना की सराहना की  और कहा कि फूलवारी योजना हमें बहुत अच्छा लगा हम अपने बच्चों की सेहत के लिए फूलवारी केन्द्र में भर्ती कराकर कुपोषण से बचाऐंगे।
15 अक्टूबर को विधिवत ग्राम पंचायत बागोडार सरपंच श्री सुखीराम नेताम पंच एवं पारावासियों की उपस्थिति में वशुंधरा फूलवारी केन्द्र का उद्घाटन हुआ। जिसमें 6 माह के तीन वर्ष तक के 10 बच्चे, गर्भवती 4 एवं दो सहयोगी हितग्राहियों का दाखिला हुआ।
फूलवारी केन्द्र के मीनू चार्ट के आधार पर एक बार नाश्ता 2 बार भोजन खिलाने एवं 6 से 7 घण्टा निरन्तर देखभाल से आज 6 कुपोषित बच्चे में से 3 बच्चे सामान्य श्रेणी में है एवं गर्भवती शिशुवती भी स्वस्थ है। लाभार्थी परिवार अपने बच्चों को फूलवारी केन्द्र में हितग्राहियों के मार्फत 6 से 7 घण्टा छोड़कर बेफिक्र होकर काम पर चली जाती है।

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छत्तीसगढ़ राज्य में 2013 से संचालित हो रही फूलवारी योजना से हजारों महिलाएं एवं तीन वर्ष तक के बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं । यह योजना महत्वपूर्ण एवं लोक कल्याणकारी योजना है। जिसके माध्यम से जिले में कुल 210 फूलवारी केन्द्र संचालित हो रही है। जिस मंजरे टोले में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं है उस गांवों का चिन्हांकन कर शासन द्वारा संचालित किया जा रहा है। जिले में 210 फूलवारी केन्द्र के माध्यम से 183 महिला और 484 बच्चों को पोषण आहार वितरण किए जा रहे हैं। जिससे कुपोषण में कमी हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह द्वारा इस योजना के लागू करने से मृत्यु दर में कमी हो रही है।

छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना फूलवारी से कुपोषण मिटाने अच्छे प्रयास किए जा रहे हैं। कांकेर जिले में अब तक 210 फूलवारी केन्द्र प्रारंभ किए जा चुके है। जिसमं दुर्गूकोन्दल विकासखण्ड में गर्भवती और शिशुवती माताओं को नियमित पूरक पोषण आहार मिल रहा है। फूलवारी केन्द्र में 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को जहाँ पर आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं होता उस मोहल्ले टोले में फूलवारी केन्द्र संचालित किया जा रहा है।
यह योजना कांकेर जिले के वनांचल क्षेत्र दुर्गूकोन्दल विकासखण्ड में फूलवारी केन्द्र अक्टूबर 2013 से प्रारंभ होकर जनवरी 2014 तक संख्या लगातार बढ़ रही है। फूलवारी केन्द्र में 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों की कुल जनसंख्या 484 है। सभी बच्चांे को नियमित रूप से फूलवारी केन्द्र में पोषण आहार दिया जा रहा है।
विकासखण्ड दुर्गूकोन्दल में 28 फूलवारी केन्द्र संचालित हो रही है। ग्राम नेलचांग के स्कूलपारा में 25 हितग्राही, चाउरगांव के स्कूलपारा में 33, लोहत्तर के कन्हारपारा में 31, राउरवाह के स्कूलपारा में 24, हाटकोंदल के मण्डलीपारा में 20, भीरावाही के नयापारा में 15, मेडों के स्कूलपारा में 21, पालवी के स्कूलपारा में 26, हामतवाही में 19, दडइखेड़ा के पटेलपारा में 38, पेंडावारी के स्कूलपारा में 26, दरगड के शितलापारा में 25, लोहत्तर के गोडपारा में 22, पर्रेकोडो के छिन्दपारा में 21, कोडाखूरी खासपारा में 28, बांगाचार के शितलापारा में 20, भुरकागुदुम के खासपारा में 15, मेडों स्कूलपारा में 23, कर्रामाड के पटेलपारा में 21, तरईघोटिया के बीचपारा में 31, दुर्गूकोन्दल के आवासपारा में 22, डांगरा के बालेपारा में 14, भुरसातरहुल स्कूलपारा में 36 तरहुल के कुसुमपारा में 13, पाउरखेडा के स्कूलपारा 20, जाडेकुर्से के मंडलीपारा में 20, सिहारी के स्कूलपारा में 18 हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार वितरण किया जा रहा है।

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