- February 19, 2017
डॉक्टर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें- श्री पैकरा
अम्बिकापुर 19 फरवरी 2017———छत्तीसगढ़ के गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा ने कहा है कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर डॉक्टर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को ईश्वर का दूसरा रूप माना जाता है। डॉक्टरों द्वारा किये गये बेहतर इलाज और उनकी सेवा भावना से मरीजों का विश्वास बढ़ता है तथा वे ठीक होते हैं।
श्री पैकरा आज यहां एक होटल में बारहवें इण्डियन मेडिकल एसोशिएशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि गृहमंत्री श्री पैकरा ने कहा कि डॉक्टरों की इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में आने का मौका मिलना मेरे लिए खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बनना बहुत कठिन हैं। एक डॉक्टर राजनीति में आ सकता है किन्तु एक राजनीतिज्ञ को डॉक्टर बनना कठिन है।
श्री पैकरा ने कहा कि डॉक्टर बनने के लिए कड़ी मेहनत और त्याग करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का काम समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और वे कठिन परिस्थितियों और संवेदन शील क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं देते हैं।
डॉक्टर शरीर के महत्वपूर्ण अंग किडनी एवं हार्ट आदि की महत्वपूर्ण अंगों का ऑपरेशन कर ठीक करते हैं। किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति का आत्मविश्वास डॉक्टर को देखते ही बढ़ने लगता है।
गृहमंत्री श्री पैकरा ने बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति राज्य शासन गंभीर है। उन्होंने कहा कि बच्चा के गर्भ में आने से लेकर जन्म और मृत्यु पर्यन्त चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने कहा कि आज बीमारियां भी बहुत बढ़ गई है। वातावरण और खान-पान बदल गया है तथा पेड़-पौधों का भी बेतहासा दोहन किया गया है।
श्री पैकरा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को अपना दायित्व निभाना चाहिए। गृहमंत्री श्री पैकरा ने शासकीय अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास कम होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अपने कार्यो से लोगों का विश्वास अर्जित करें।
इस समारोह के विशिष्ट अतिथि नगर पालिक निगम अम्बिकापुर के महापौर डॉक्टर अजय तिर्की ने कहा कि डॉक्टरों से अत्यधिक संवेदनशील होने की अपेक्षा की जाती है। मरीजों को लगता है कि डॉक्टर के पास पहुॅचने मात्र से उनकी तकलीफ दूर हो जायेगी। उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सा संस्थानों को समाजहित में कार्य करने की आवश्यकता है। डॉक्टर तिर्की ने कहा कि डॉक्टरों को प्रशासन एवं अकादमी की दोहरी जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए।
एक अधिकारी को दोनांे जिम्मेदारी देने से कार्य प्रभावित होता है तथा वे चिकित्सकीय कार्य में जादा समय नहीं दे पाते हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात करने के बाद उन्हें एक समय के बाद अन्य क्षेत्र में पदस्थ किया जाना चाहिए तथा उनकी समस्याओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
इण्डियन मेडिकला एसोशिएषन के नव निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर एच.पी. सर्राफ ने कहा कि उनके ऊपर जो नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसका वे बेहतर निर्वहन करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्य करने का जज्बा हो तो उम्र बाधक नहीं होती है। यह अनुभव एवं कार्य क्षमता के आधार पर तय होती है।
उन्होंने कहा कि आज जो जिम्मेदारी मुझे सौपी गयी है वह मेरे शुभ चिंतकों एवं सहयोगियों के सदाशय का परिचायक है। उन्होंने कहा कि इण्डियन मेडिकल एसोशिएषन की शाखाएं केवल मुख्य शहरों में ही नहीं हों बल्कि बस्तर और सरगुजा संभाग के दूरस्थ अंचलों में भी कार्यशील करने का प्रयास किया जायेगा। डॉक्टर सर्राफ ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर सहाय द्वारा शुरू किये गये कार्यो को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा।
इस अवसर पर इण्डियन मेडिकल एसोशिएषन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय सहाय ने कहा कि किसी भी संस्था अथवा संगठन का नेतृत्व करना आसान नहीं होता है।
नेतृत्व करना तब और भी दूषकर हो जाता है जब बुद्धिजीवियों के संघ अथवा संस्था का नेतृत्व करने की बात हो। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग के लिए निष्ठा एवं समन्वय के साथ और शासन की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करने का प्रयास किया जायेगा।
डॉक्टर साय ने कहा कि डॉक्टर को हमेशा सक्रिय एवं गतिशील होकर कार्य करना होता है। यह ऐसा पेशा है जिसमें खुद के कार्य के साथ ही हर किसी की दुआ की भी आवश्यकता होती है।
इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले डॉक्टरों को मुख्य अतिथि श्री पैकरा ने अवार्ड देकर सम्मानित किया। इस मौके पर गृहमंत्री श्री पैकरा ने ‘‘आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेषलिटिज छत्तीसगढ़ स्टेट’’ पत्रिका का विमोचन किया। इस दो दिवसीय इण्डियन मेडिकल एसोशियन के सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से आये डॉक्टर और अम्बिकापुर के डॉक्टर उपस्थित