डेढ़ से दो लाख रुपए में कब्रों की एडवांस बुकिंग : 20 से ज्यादा लोगों को नोटिस – शिया वक्फ बोर्ड

डेढ़ से दो लाख रुपए में कब्रों की एडवांस बुकिंग : 20 से ज्यादा लोगों को नोटिस – शिया वक्फ बोर्ड
 कब्रों  पर  अस्पताल ,होटल और आलीशान इमारते 

नई दिल्ली।  यूपी में कब्रों की कालाबाजारी  । यहां दौलतमंद डेढ़ से दो लाख रुपए घूस देकर को मनचाही जगह पर कब्रों की एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। शिया वक्फ बोर्ड ने इस मामले में 20 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया है।

आरोप है कि लखनऊ में अमीरों से मोटी रकम तकरीबन डेढ़ से दो लाख रुपए लेकर उनकी पसंदीदा जगह पर कब्र अलॉट की जा रही है। यही नहीं लोग कब्रों की एडवांस बुकिंग तक करा रहे हैं।

शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी का कहना है कि कब्रों को अवैध रूप से बेचा गया है। बड़ी संख्या में उससे वसूली की गई है। वक्फ अकाउंट से पैसा निकाला गया है और किन कब्रों का पैसा लिया उसका हिसाब नहीं दिया। कब्रों के ऊपर एक बहुत बड़ा अस्पताल बना दिया गया जिसकी अनुमति बोर्ड से नहीं ली गई। ये तमाम जांच चल रही है जिसकी बोर्ड सख्त कार्रवाई करेगा।

सरकार को इस बात की भी शिकायत मिली है कि कब्रिस्तान की देखरेख करने वाले मुतवल्लीयों ने पैसे लेकर जमीन तक बेच दी। कब्रिस्तान की जमीन पर बने ऐसे अस्पताल और इस तरह के होटल और आलीशान इमारतें अब शिया वक्फ बोर्ड के निशाने पर हैं।

कब्रों की खरीद फरोख्त और डील का आरोप शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद पर भी लगा है। मामला सामने आने के बाद उन्हें मुतवल्ली पद से हटा दिया गया है। बहरहाल सरकार की इस कार्रवाई को लेकर सियासत गर्म है। कल्बे जव्वाद ने इस पूरे मामले को बदले की कार्रवाई करार देते हुए सीधे यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान को जिम्मेदार ठहराया है।

मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि ये बदले की कर्रवाई हो रही है। एक तथाकथित मुसलमान मंत्री है, मुसलमानों का मुखौटा बना रखा है मुलायम सिंह ने उसे। उसने रामपुर में वक्फ की जमीन पर कब्जा कर रखा है। सारे कब्रिस्तानों के लिए जो 300 करोड़ का फंड आया उसे अपनी यूनिवर्सिटी में लगा दिया। उसका सब कुछ छुपाने के लिए पूरी कार्रवाई हो रही है, खेल खेला जा रहा है।

मौलाना कल्बे जव्वाद के खिलाफ हुई कार्रवाई से हड़ंकप मच गया है। सरकार कुछ और लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी में है। हालांकि आरोप ये भी लग रहे हैं कि इस अभियान में कुछ ऐसे चेहरों को बख्शा जा रहा है जो सरकार के करीबी हैं।

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