• February 10, 2017

डूंगरपुर का बेणेश्वर मेला-सांस्कृतिक रंगों से सराबोर

डूंगरपुर का बेणेश्वर मेला-सांस्कृतिक  रंगों से सराबोर

जयपुर, 10 फरवरी। राज्य के दक्षिणाचंल डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिलों के मध्य माही-सोम-जाखम नदियों के पवित्र जलसंगम तीर्थ स्थल बेणेश्वर धाम पर चल रहा जनजातियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला गुरुवार शाम सांस्कृतिक संध्या के उल्लास भरे रंगों से सराबोर गया। P3-10-2-20`17

जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार सायं से प्रारंभ हुई तीन दिवसीय रात्रिकालीन सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रमों के तहत गुरुवार सायं देश के विभिन्न भागों से आए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्यातनाम कलाकारों द्वारा दी गई मनोहारी प्रस्तुतियों से एक यादगार शाम बन गई और इन प्रस्तुतियों में पूरे देश की संस्कृति का उल्लास नजर आया।

बेणेश्वर धाम पर बने मुक्ताकाशी रंगमंच पर पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के कलाकारों द्वारा अपनी प्रस्तुतियों से अपार जनसमूह का भरपूर मनोरंजन किया तथा दर्शकों ने करतल ध्वनि से प्रस्तुतियों की सराहना की।

सांस्कृतिक संध्या के दौरान पड़ौसी राज्य गुजरात से आए ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा दी गई केरवानों वेष, रास एवं गरबा की प्रस्तुतियों पर दर्शक झूम उठे वहीं कार्यक्रम में राजस्थान के जोधपुर से आई कलाकार सुश्री पूजा द्वारा प्रस्तुत कालबेलिया नृत्य के करतबों ने समस्तजन को रोमांचित कर दिया। राजस्थान की ही संस्कृति को प्रस्तुत करते बारां के तेजकरण के नेतृत्व में दल द्वारा मनोहारी चकरी नृत्य पर उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।

सांस्कृतिक संध्या में सायरा गांव उदयपुर के पूरणदास एवं दल द्वारा प्रस्तुत तेहरताली नृत्य ने फ़िजा को लोक सांस्कृति से सरोबार कर दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इसके साथ ही जिला डांग गुजरात से आए पवन बागुल एवं दल द्वारा डांग नृत्य की प्रस्तुतियां ने सांस्कृतिक संध्या में धूम मचा दी। कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुतियों में जब महाराष्ट्र के शाहीर आदिनाथ विभूते द्वारा प्रस्तुत लावणी नृत्य एवं पोवाडा (लोक नाट्य) ने लोक कलाओं की प्रस्तुतियों को नये आयाम प्रदान किए।

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के सागर जिला से आए कलाकार उमेश नाम देव द्वारा बधाई नृत्य एवं नौरता नृत्य की प्रस्तुतियों की भी दर्शकों ने भरपूर सराहना की। सांस्कृतिक संध्या में पंजाब पटियाला से आए अमरिन्दर सिंह के भांगड़ा नृत्य ने उत्सवी माहौल का रूप दे दिया वहीं ऋषभदेव उदयपुर से आए अमृतलाल मीणा द्वारा आदिवासी नृत्य एवं महाराष्ट्र से आए अम्बादास म्हाले द्वारा सौंगी मुखौटे नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केन्द्र रही।

सांस्कृतिक संध्या के दौरान जिला कलक्टर श्री सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, उपखण्ड अधिकारी आसपुर श्री अनिल शर्मा, विकास अधिकारी साबला श्री राकेश वर्मा, तहसीलदार आसपुर श्री रमणलाल, जिला पर्यटन अधिकारी श्री अनिल तलवाडिया, पश्चिमी सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर कार्यक्रम अधिकारी श्री राकेश मेहता, श्री बलवंत सिंह वलई सहित अनेक गणमान्य नागरिकगण, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में मेलार्थी उपस्थित थे।
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