- December 20, 2016
डिजिटल विश्वविद्यालय –डिजिटल साक्षर बनाने का लक्ष्य
चण्डीगढ़——-हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में डिजिटल विश्वविद्यालय की अवधारणा को प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से गठित दो सदस्यीय समिति ने वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक की तथा विश्वविद्यालय में विभिन्न स्तर पर डिजिटल प्रणाली लागू करने के लिए किये जा कार्यों की समीक्षा की।
दो सदस्यीय समिति राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, हरियाणा के तकनीकी निदेशक श्री सुशील कुमार और महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा के उप कुलसचिव (परीक्षा व अकादमिक) श्री दर्शन जी मारू शामिल हैं।
बैठक में संकायाध्यक्ष, संस्थान प्रो. संदीप ग्रोवर, संकायाध्यक्ष इंजीनियरिंग एवं टैक्नोलॉजी प्रो. सी. के. नागपाल, विश्वविद्यालय की डिजिटल परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. नरेश चौहान, कुल सचिव डॉ. एस. के. शर्मा के अलावा सभी प्रमुख विभागों के अधिकारी मौजूद थे। समिति ने कुलपति को अवगत करवाया कि कि मुख्यमंत्री श्री मनोहल लाल के दिशा-निर्देशानुसार राज्य के विश्वविद्यालयों में डिजिटल युनिवर्सिटी फेमवर्क के क्रियान्वयन को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है। इस कड़ी में समिति राज्य के सात विश्वविद्यालयों का दौरा कर चुकी है।
विश्वविद्यालय की विकसित की जा रही डिजिटल प्रणाली की समीक्षा करते हुए समिति ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय द्वारा ई-गवर्नेंस संसाधनों को अपनाने की दिशा में कार्य करें, जिसके अंतर्गत लेखा विवरण, अंतर-विभागीय फाइल मूवमेंट व दाखिला प्रक्रिया एकीकृत ऑनलाइन नेटवर्क पर उपलब्ध हो।
विश्वविद्यालय ऐसी कार्य प्रणाली विकसित करें कि जिससे विद्यार्थियों को ई-डिग्री व डीएमसी की सुविधा मिल सके, जिसे सीधे उनके डिजिटल लॉकर के साथ लिंक किया जा सके। ऐसा करने से डिग्री व डीएमसी का सत्यापन भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन फीडबैक प्रणाली को भी और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया।
बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय वेब आधारित उद्यम संसाधन योजना अर्थात् ईआरपी प्रणाली विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहा है, जिससे परीक्षा, अकादमिक तथा दाखिला प्रक्रिया को प्रणाली के माध्यम से संचालित किया जायेगा और इससे प्रशासन में एकरूपता आयेगा। वाईएमसीए विश्वविद्यालय द्वारा बॉेयोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए किये जा रहे प्रयासों तथा विश्वविद्यालय के डिजिटल साक्षरता अभियान की समिति ने सराहना की।
वाईएमसीए विश्वविद्यालय बॉेयोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को लागू करने में राज्य अग्रणीय विश्वविद्यालय है और विश्वविद्यालय के शत प्रतिशत कर्मचारी आधार नम्बर आधारित बॉेयोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करवा रहे है, जिसकी नियमित रूप से समीक्षा भी की जाती है। समिति ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न मोबाइल एप की जानकारी भी ली तथा इसकी सराहना की।
विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को टाइम टेबल व ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट से संबंधित जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से दी जा रही है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं परीक्षा परिणाम तथा विभिन्न प्रकार के छात्रवृत्तियों की जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से देने की योजना पर कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल साक्षरता अभियान की भी सराहना की गई, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय ने 5000 लोगों को डिजिटल साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। बैठक में विश्वविद्यालय के ई-संसाधनों की जानकारी भी दी गई।