- January 15, 2017
डिजिटल भुगतान को अपनाने का आग्रह ———-मंत्री श्री पी.पी चौधरी
जयपुर———केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय राज्य मंत्री श्री पी.पी चौधरी ने बेंगलुरू में प्रवासी राजस्थानी संघों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सबसे न केवल भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने बल्कि भ्रष्टाचार मिटाने के लिए डिजिटल भुगतान को अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने जनता से इसके लिए सरकार द्वारा हर स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही आईटी सेवा सुविधाओं का उपभोग करने का भी आग्रह किया। ‘माई स्टैम्प’ का अनावरण श्री चौधरी ने जनरल पोस्ट ऑफिस, बेंगलुरू में एमफेसिस की रजत जयंती के अवसर पर समारोह में एमफेसिस ‘माई स्टैम्प’ का अनावरण किया।
समारोह में श्री चौधरी ने कहा कि हमारा सपना देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज के रूप में परिवर्तित करना है और सरकार ने इस सपने को साकार करने के लिए कई उपाय किए हैं। एमफेसिस जैसे कई संगठनों ने हमारे देश को विश्व में आईटी पॉवर हाउस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तत्पश्चात श्री चौधरी ने सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पाक्र्स ऑफ इण्डिया (एसटीपीआई), बेंगलुरू द्वारा आयोजित सम्मेलन में आईटी उद्योग के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श और सॉफ्टवेयर उत्पादों से सम्बंधित राष्ट्रीय नीति पर उनकी राय ली। बाद में आईटी उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि “मेरा विचार है कि इस नीति में सरकार और आईटी उद्योग के प्रयासों में तालमेल के जरिए एक मजबूत सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग की रचना करने की क्षमता है।”
श्री चौधरी ने बेंगलुरू की प्रमुख आईटी कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की और उनसे भारत में आईटी उद्योग कि विकास को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा की। उद्योग के प्रतिनिधियों ने एसटीपीआई द्वारा आईटी उद्योग की न केवल स्थापित यूनिटों को बल्कि नई लगाई जा रही यूनिटों (स्टार्ट-अप) को उपलब्ध कराई जा रही एकमुश्त सेवाओं की सराहना की तथापि, उन्होंने विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की तुलना में एसटीपीआई की योजना के अधीन उपलब्ध प्रोत्साहनों में अंतर होने पर चिंता प्रकट की और श्री चौधरी से इस बारे में आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया।
श्री पीपी चौधरी ने बेंगलुरू में स्थापित किए जा रहे सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र (आईटीआईआर) की प्रगति की समीक्षा की। इसकी परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सरकार द्वारा पहले ही अनुमोदित की जा चुकी है। समीक्षा के उपरांत श्री चौधरी ने कहा कि “भारत सरकार प्रस्तावित आईटीआईआर को विकसित करने के लिए कर्नाटक सरकार को हरसम्भव सहायता देगी।” श्री चौधरी ने एसटीपीआई, बेंगलुरू के कामकाज की समीक्षा भी की, जिसका आईटी के क्षेत्र में भारत के निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान है।
समीक्षा के दौरान राज्य मंत्री ने एसटीपीआई को निर्देश दिया कि वह तीन महीनों में कम से कम एक बार उद्योग के सभी पणधारियों से परामर्श करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें ताकि देश आईटी उद्योग के क्षेत्र में अपने वर्चस्व को बरकरार रख सकें। उन्होंने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) की कर्नाटक शाखा, ईआरएनईटी और एसटीक्यूसी के कामकाज का भी जायजा लिया और इन संगठनों द्वारा किए जा रहे कार्य की सराहना की।
एसटीपीआई, बेंगलुरू के निदेशक ने डिजिटल साक्षरता और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के लिए एसटीपीआई, बेंगलुरू किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। कैशलेस अर्थव्यवस्था तथा डिजिटल भुगतान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के अभियान को एक भाग के तौर पर अब तक उनके द्वारा कर्नाटक की आम जनता और आईटी यूनिटों के पांच हजार लाभानुभोगियों के लिए 81 कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं।
श्री पी.पी चौधरी ने उनके प्रयासों की सराहना की और उन संगठनों को भी डिजिटल भुगतान के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने का निर्देश दिया। श्री चौधरी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू का दौरा भी किया और वहां आई.ई.ई.ई (नैनो टेक्नोलॉजी काउंसिल) द्वारा आईआईएससी, बेंगलुरू के नैनो साइंस और इंजीनियरिंग सेंटर (सीआईएनएसई) में विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाओं की भागीदारी, 2017 विषय पर आयोजित की जा रही कार्यशाला के प्रतिभागियों को सम्बोधित किया।
प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि “स्मार्ट राष्ट्र में लोग भी स्मार्ट होंगे और स्मार्ट लोग अच्छी शिक्षा प्रणाली से आएंगे। वैज्ञानिकों को देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए हरसम्भव प्रयास करना चाहिए और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए टेक्नोलॉजी विकसित की जानी चाहिए।
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