- August 4, 2015
झाबुआ : 135 करोड़ की सौगातें इंजीनियरिंग कॉलेज स्व. डॉ. कलाम एवं मॉडल कॉलेज
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथा झाबुआ के पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री दिलीपसिंह भूरिया को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी स्मृति में झाबुआ में खोले जाने वाले क्रमश: इंजीनियरिंग एवं मॉडल कालेज के नाम पर रखे जाने और विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क सायकल वितरण योजना की राशि बढ़ाकर 3 हजार रुपये किये जाने की घोषणा की। श्री चौहान झाबुआ में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्र सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने झाबुआ में 42 करोड़ की लागत से इंजीनियरिंग कॉलेज के नवीन भवन तथा 12 करोड़ की लागत से मॉडल कॉलेज के नवीन भवन की आधार-शिला भी रखी। मुख्यमंत्री ने 135 करोड़ की लागत के 26 कार्य का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह, जिले के प्रभारी एवं श्रम मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य और विधायक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थी अपना लक्ष्य हमेशा बड़ा रखें। स्वर्गीय डॉ. कलाम की भांति सपने खुली आँखों से देखें। उन्होंने कहा कि हमने एक सपना देखा था कि हमारे प्रदेश के बेटा-बेटी आईआईटी, मेडिकल, क्लेट,आईएएस, आईपीएस में चयनित हों और खुद का तथा प्रदेश का नाम रोशन करें। प्रदेश के बच्चों ने आईआईटी में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान हासिल कर इसे पूरा कर दिया है। प्रदेश के विभिन्न अंचलों से अनुसूचित-जाति एवं जनजाति वर्ग के 140बच्चे आईआईटी में चयनित हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने क्षेत्रीय विधायक की मांग पर नर्मदा लिंक सिंचाई परियोजना का पानी झाबुआ तक लाये जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यदि नहर से पानी संभव नहीं हुआ तो पाइप लाइन से नर्मदा का पानी झाबुआ तक लाया जाएगा। झाबुआ के राणापुर में नवीन शासकीय कॉलेज खोलने, झाबुआ एवं राणापुर में कृषि उपज मण्डियों के विकास कार्यों के लिये 2 करोड़, झाबुआ में सड़क निर्माण के लिये 10 करोड़, टाउन हॉल तथा कॉलेज के छात्रों के लिये ऑडिटोरियम निर्माण, कॉलेज में पुस्तकालय भवन एवं पुस्तकों के लिये 1.5 करोड़ तथा देवझिरी में कुण्ड, स्टापडेम और घाट निर्माण आदि के लिये 40 लाख रूपये की मंजूरी दिये जाने की घोषणा भी की। सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पॉलीटेक्निक कॉलेज झाबुआ के 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।