- January 18, 2019
जैन धर्म की अहिंसा, शांति और प्रेम की भावना लोगों को बतायी जाए तो समाज में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा:—– मुख्यमंत्री
पटना——:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार प्राचीन जैन श्वेतांबर मंदिर, पटना सिटी के नूतन जिनालय प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने जैन मंदिर का भ्रमण किया और भगवान महावीर की पूजा की। अंजन सलाका प्रतिष्ठा महोत्सव एवं श्री विशाल जैन मंदिर जीर्णोद्धार कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबों के बीच में उपस्थित होकर हृदय से प्रसन्नता हो रही है।
350वें प्रकाश पर्व की तैयारियों के निरीक्षण के दौरान इस बाड़े की गली में आया था और इस पुराने जीर्ण-शीर्ण मंदिर की स्थिति पर मैंने अपनी चिंता से जैन समाज के लोगों को अवगत कराया था।
प्रसन्नता है कि इस पुराने जैन मंदिर को खुबसूरत ढंग से बनाया गया है और इसके परिसर की जो कल्पना की गई है, वो बहुत सुंदर होगा। जैन धर्म के श्रद्धालुओं के अलावे यहां अन्य लोग भी दर्शन करने आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की भूमि ऐतिहासिक है। यह जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्म भूमि, ज्ञान भूमि, कर्म भूमि एवं निर्वाण भूमि है। हाल ही में लछुआर पर्वत पर भगवान महावीर की सबसे पुरानी मूर्ति को स्थापित करने के लिए मैं गया था। इस मूर्ति के बारे में कहा जाता है कि राजवैभव छोड़ने के बाद भगवान महावीर के भाई ने यह मूर्ति बनवाई थी। यह सबसे पुरानी मूर्ति है। यह मूर्ति चोरी हो गई थी लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से हमने इसे फिर से प्राप्त किया। इसके लिए जैन समाज के लोगों ने बिहार सरकार की काफी प्रशंसा की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पटना साहिब असली में पाटलिपुत्र है, जहां से प्राचीन काल में आज के भारत के बड़े भू-भाग पर शासन का संचालन होता था।
यहां चाणक्य ने अर्थशास्त्र की रचना की, जिसमें गवर्नेंस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है। सम्राट अशोक यहीं हुए। यहां 15 सौ वर्ष पहले आर्यभट्ट हुए। यह गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की भूमि है।
बापू के नेतृत्व में चंपारण में पहला सत्याग्रह हुआ, जिसके प्रभाव के कारण 30 वर्षों में ही देश को आजादी मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार अपनी तरफ से जो बन पड़ता है, वो सभी के लिए कर रही है। वैशाली महोत्सव, पावापुरी महोत्सव का आयोजन किया जाता है। पावापुरी में बचपन में भी मैं जाया करता था और दीपावली के दिन का वहां का बड़ा लड्डू आज तक नहीं भूला हूॅ। राजगीर में भगवान महावीर 14 वर्षों तक और 12 वर्षों तक भगवान बुद्ध भी रहे थे।
राजगीर के पंच पर्वत के ऊपर जैन मंदिर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महावीर और अन्य तीर्थंकर प्रेम, शांति और अहिंसा के प्रतीक थे। जैन धर्म के इतिहास को और उसके संदेश को लोगों को ठीक ढंग से बताना चाहिए। जैन समाज की आबादी कम है लेकिन उनकी संपत्ति देष की संपत्ति का 50 प्रतिशत से अधिक है, यह उनकी मेहनत का नतीजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन धर्म के अहिंसा, शांति और प्रेम की भावना लोगों को बतायी जाए तो समाज में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और टकराव के वातावरण से छुटकारा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने भव्य मंदिर के निर्माण के लिए जैन समाज के लोगों को बधाई दी।
कार्यक्रम को पूज्य आचार्य श्री विजय राजशेखर सुरेश्वर जी महाराज, पथ निर्माण मंत्री श्री नंदकिशोर यादव, पटना ग्रुप जैन संस्था के अध्यक्ष श्री प्रियदर्शन जी राका ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अन्य जैन मुनिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, जैन श्रद्धालुगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।