- February 12, 2019
जून तक एक लाख कृृषि कनेक्शन – प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा
जयपुर——– प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष डिस्कॉम्स श्री नरेश पाल गंगवार ने सोमवार को वीडियो कॉन्फें्रस के माध्यम से तीनो डिस्कॉम में कृृषि कनेक्शन जारी करने की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि 30 जून, 2019 तक एक लाख कृृषि कनेक्शन जारी किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
मासिक लक्ष्य के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कनेक्शन की सूची तैयार कर प्रत्येक आवेदक को 15 फरवरी तक कनेक्शन की अनुमानित तिथि के बारे में सूचित कर दिया जाए। वीडियों कॉन्फें्रस में तीनों डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक, उच्चाधिकारियों से लेकर फीडर इंचार्ज सहित लगभग 23 हजार अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
श्री गंगवार ने कहा कि 30 जून तक एक लाख कनेक्शन जारी करने हेतु डिस्कॉम वार कनेक्शन जारी करने के लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए है और इसके अनुसार सभी डिस्कॉम सर्किल, डिवीजन व सब-डिवीजन के मासिक लक्ष्य के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कनेक्शन की सूची तैयार कर प्रत्येक आवेदक को 15 फरवरी तक कनेक्शन की अनुमानित तिथि के बारे में सूचित कर दिया जाए।
डीडीयूजीजेवाई योजना के कार्य की प्रगति की जानकारी लेते हुए डिस्कॉम अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि योजना के तहत सब-स्टेशन निर्माण, लाईन आदि का कार्य 31 मार्च, 2019 तक पूरा कर लिया जाए। इसके लिए सभी प्रबन्ध निदेशक अपने स्तर पर अधिकारियों व कान्टेक्ट्रर्स की मीटिंग बुलाकर उन्हे कार्य 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश देवें।
कन्ज्यूमर इंडेक्िंसग के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए श्री गंगवार ने कहा कि यह वन टाइम टास्क है और एक बार यह कार्य सही तरीके से हो जाएगा तो आगामी समय में सभी फीडरों पर ऊर्जा अंकेक्षण ठीक प्रकार से होता रहेगा। इसके लिए सिस्टम में सही सूचना फीड की जाए एवं इस सूचना का सभी स्तर पर सत्यापन सही तरीके से करते हुए कार्य को 31 मार्च, 2019 पूरा किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जयपुर डिस्कॉम में कार्य की प्रगति अच्छी है तथा अन्य डिस्कॉम को भी कार्य में तेजी लाते हुए शेष कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के प्रयास करने चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि 31 मार्च, 2019 तक शत-प्रतिशत डीटी व कन्ज्यूमर की टेगिंग व सत्यापन का कार्य पूरा हो जाए।
उन्होंने कहा कि इस कार्य का महत्व ऊपर से लेकर नीचे तक सभी को समझना है। इससे कन्ज्यूमर की सही लोकेशन की पहचान व डीटी के अनुसार लॉस का पता लग जाएगा तथा किस डीटी पर अधिक लोड है उसकी जानकारी होने से सिस्टम को समय पर मजबूत करने से डीटी की बर्निग रेट कम की जा सकेगी।
डीटी पर मीटर लगने से डीटी अनुसार वास्तविक लॉस की गणना भी आईटी आधारित रेवेन्यू मैनेजमेन्ट सिस्टम के माध्यम से हो सकेगी।
1 अप्रेल से यह लागू होगा और इस के आधार पर ही मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक आधार पर कार्मिकों की परफार्मेन्स जांची जाएगी और अच्छे कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए सभी कार्यों के निष्पादन करने की समय सीमा निर्धारित करने के प्राप्तांकों पर अधिकारियों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।