- August 5, 2015
‘जूट जियोटेक्सटाइल के सड़क निर्माण में उपयोग’
जयपुर – सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी.गुप्ता ने कहा है कि सड़क निर्माण के क्षेत्र में नवाचार आज के समय की आवश्यकता है और किसी भी पर्यावरण मित्र, लाभकारी नवीन तकनीक को परीक्षण के बाद अपनाने के लिए विभाग सदैव तत्पर है।
श्री गुप्ता मंगलवार को सानिवि निर्माण भवन के सभागार में ‘जूट जियोटेक्सटाइल के सड़क निर्माण में उपयोग’ विषयक कार्यशाला के दौरान अभियंताओं एवं नेशनल जूट बोर्ड के अधिकाारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कई तरह की मिट्टी है और सड़क निर्माण से पहले उसके आधार की मिट्टी की मजबूत के लिए कई उपाय काम लिए जाते हैं जिनसे लागत बढ़ती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं आरआरएसएमपी जैसी योजनाओं में समुचित परीक्षण के बाद जूट जियोटेक्सटाइल जैसे नवाचारों को अपनाया जा सकता है। इसके लिए एक सड़क के आधे हिस्से को परम्परागत और आधे हिस्से को जूट जियोटेक्सटाइल तकनीक के उपयोग से निर्माण किया जाकर परीक्षण किया जाएगा।
जूट कमिश्नर श्री सुब्रतो गुप्त ने अपने सम्बोधन में बताया कि जूट का सड़क निर्माण में उपयोग मिस्र में दो शताब्दी पूर्व भी किया जाता था। जूट उत्पादन करने वाले राज्यों, पश्चिम बंगाल, बिहार, आसाम आदि में सड़क निर्माण, रेलवे टे्रक मिट्टी के स्थिरीकरण, पहाड़ी क्षेत्रों में ढलानों पर जूट जियोटेक्सटाइल का उपयोग किया जा रहा है। राजस्थान में भी बालू टीलों के स्थिरीकरण में इसका उपयोग हो रहा है। इसके उपयोग से सड़क की लागत में 10 से 20 प्रतिशत की कमी आती है और यह बायोडिग्रेडिबल होने के कारण पर्यावरण के लिए नुकसानदायक भी नहीं है। नेशनल जूट बोर्ड के मुख्य सलाहकार श्री टी.सान्याल ने जूट जियोटेक्स्टाइल (जेजीडी)-कॉन्सेप्ट एण्ड एप्लीकेशन, आईजीआईआरए-नेशनल जूट बोर्ड जियोटेक प्रकोष्ठ के प्रमुख तकनीकी विशेषज्ञ श्री पी.के.चौधरी ने केस स्टडी के माध्यम से एवं नेशनल जूट बोर्ड के परियोजना अधिकारी श्री ए.के.खास्तीगिर ने जूट जियोटेक्स्टाइल के मार्केट पोटेन्शियल पर प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यशाला के अन्त मेंं हुए इन्टरेक्टिव सेशन में विषय विशेषज्ञों ने सड़क निर्माण में जूट जियोटेक्सटाइल के उपयोग के सम्बन्ध मेें विभाग के अभियंताओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यशाला में मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव श्री जी.एल.राव, मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई श्री के.एल. माथुर मुख्य अभियंता विशिष्ट योजनाएं श्री एम.एल.मीणा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीपीपी श्री शिवलहरी शर्मा समेत कई अभियंता शामिल हुए। कार्यशाला का संचालन लुडलो जूट एण्ड स्पेशियलिटीज लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक श्री अजय टोडी ने किया। इसका आयोजन केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय के नेशनल जूट बोर्ड एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान द्वारा द इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन के सहयोग से किया गया था।