- March 3, 2021
‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’—“अगर हम मेक इन इंडिया चाहते हैं तो गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना होगा –प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
पीआईबी (नई दिल्ली) — प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर स्पष्ट कहा था कि भारत के लिए ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ की सोच के साथ काम करने का यह एक उचित अवसर समय है। उन्होंने भारतीय निर्माताओं और अन्य इंडस्ट्री लीडर्स से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि हमारे उत्पाद वैश्विक मानकों को पूरा करने में सक्षम हो।
प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरणा लेते हुए, उद्योग मंथन, जिसमें निर्माण और सेवाओं के सभी प्रमुख क्षेत्रों में गुणवत्ता और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए 46 क्षेत्रों को कवर करने वाले मैराथन वेबिनार की शुरुआत 4 जनवरी 2021 से हुई।
उद्योग और आंतरिक व्यापार के संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने डीओसी, क्यूसीआई, एनपीसी, बीआईएस, इंडस्ट्री चैम्बर और संभी संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर एक कलेक्टिव एक्सरसाइज शुरू किया। 2 मार्च, 2021 को आयोजित वेबिनार श्रृंखला के बिदाई सत्र में, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश और केंद्रीय रेल, वाणिज्य तथा उद्योग, उपभोक्ता कार्य तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विशेष मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा किनोट एड्रेस को संबोधित किया गया।
पिछले आठ हफ्तों के दौरान, विभिन्न विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के 46 सत्रों में ऑटोमोबाइल, स्टील, फार्मा, रक्षा, सीमेंट, कपड़ा, रसायन, पर्यटन/आतिथ्य, वित्तीय सेवा, जैव प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा सहित जीडीपी को कवर करने वाले लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्रों को इस वेबमिनार में शामिल किया गया। 393 स्पीकर को विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर 17,000+ दर्शकों ने सुना और देखा और लगभग 65 लाख+ सोशल मीडिया इंप्रेशन मिले। इस मैराथन वेबिनार का रिस्पांस काफी शानदार रहा। उत्पादों की गुणवत्ता और इकाइयों की उत्पादकता से संबंधित मुद्दों पर सेक्टर विशेष वेबिनार में चर्चा की गई।
इन सत्रों का नेतृत्व संबंधित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया, क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया गया और अनुभवी और विशेषज्ञ पैनलिस्टों द्वारा विचार-विमर्श किया गया। सत्र को यूट्यूब, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया गया।
कई हाई- प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं और विशेषज्ञों ने गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए वैश्विक मानदंडों पर अपने मूल्यवान विचार साझा किए। सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए मिली सिफारिशों को जल्द प्रकाशित करने के लिए एक क्षेत्रवार संकलन में सम्मलित किया जा रहा है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा, “गुणवत्ता कोई संयोग नहीं है, यह बहुत ही मेहनत से किए गए प्रयास का परिणाम है”। इसकी कभी कोई कीमत नहीं होती है और यह हमेशा एक जीत जैसा है। गुणवत्ता उत्पादकता को बढ़ाती है, लागत में कमी लाती है, दक्षता बढ़ाती है, पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को वितरित करती है, स्थिरता लाती है, खराब चीज को हटाती है और विकास को गति देती है। उन्होंने जोर दिया, “अगर हम मेक इन इंडिया चाहते हैं तो गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना होगा।” उन्होंने राष्ट्र से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ‘ब्रांड इंडिया’ की पहचना गुणवत्ता और इसकी कम लागत से होनी चाहिए। भारतीय उत्पाद उच्च गुणवत्ता के आधार पर दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ कदमताल करें। उन्होंने डीपीसीआई के साथ-साथ डीओसी, क्यूसीआई, एनओसी, बीआईएस, अन्य मंत्रालयों और आयोजकों द्वारा इस भव्य पैमाने के ‘उद्योग मंथन’ के संचालन के प्रयासों की सराहना की।
मंत्री ने कहा कि यह पहल देश में एक गुणवत्ता और उत्पादकता क्रांति की शुरुआत है, जो भारत की नियति को बदल सकती है और आगे प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को सकार करेगा।