जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से कम

जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से कम

बिजनेस स्टैंडर्ड —- कोविड महामारी की दूसरी लहर की मार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह पर भी पड़ी है। आधिकारिक आंकड़ों के जून में जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा है। पिछले नौ महीनों में पहली बार जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे आया है मगर विशेषज्ञों के अनुसार अब भी यह उम्मीद से बेहतर है। उनका कहना है कि सरकार को इससे व्यय का आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्रालय द्वारा आज जारी आंक ड़ों के अनुसार जून में जीएसटी संग्रह 92,849 करोड़ रुपये रहा, जबकि मई में यह 1.02 लाख करोड़ रुपये था। जून में आए आंकड़े असल में मई में हुए कारोबार के हैं, जब देश के विभिन्न हिस्सों में महामारी के कारण लॉकडाउन लागू था। हालांकि पिछले साल मई में 90,917 करोड़ रुपये जीएसटी ही आया था। इस साल अप्रैल में खजाने में 1.41 लाख करोड़ रुपये बतौर जीएसटी आए थे।

जून के आंकड़े उम्मीद के अनुसार रही रहे हैं क्योंकि अर्थव्यवस्था में आपूर्ति का हाल बताने वाले ई-वे बिल की संख्या मई में घटकर एक साल के निचले औसत स्तर 12 लाख प्रति दिन पर सिमट गई थी।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘कोविड-19 महामारी की वजह से मई में ज्यादातर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन था। आंकड़ों के मुताबिक मई में केवल 3.99 करोड़ ई-वेल बिल जारी हुए, जबकि अप्रैल में यह संख्या 5.88 करेाड़ थी। इस तरह इसमें 30 प्रतिशत की कमी आई।’ बयान में कहा गया कि तब से ई-वे बिल जारी होने की औसत दर बढ़ रही है और 20 जून को शुरू हुए सप्ताह में यह बढ़कर 20 लाख हो गई।

मंत्रालय ने कहा कि जून में जीएसटी कर संग्रह कम रहा है, लेकिन जुलाई 2021 से एक बार फिर इसमें इजाफा दिखने लगेगा। कोविड-19 संक्रमण के मामलों में कमी और लॉक डाउन में ढील दिए जाने के करण जून में ई-वे बिल की संख्या बढ़कर 5.5 करोड़ तक पहुंच गई। ये आंकड़े देश में व्यापार एवं कारोबार में इजाफा होने का संकेत दे रहे हैं।

यह जीएसटी संग्रह 5 जून से 5 जुलाई के घरेलू लेनदेन के हैं। जीएसटी संग्रह में 5 जुलाई तक दाखिल रिटर्न शमिल हैं क्योंकि सरकार ने कोविड महामारी की दूसरी लहर के कारण 5 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार वाली इकाइयों के लिए जून के रिटर्न दाखिल करने में 15 दिनों तक देरी पर ब्याज माफी या ब्याज में कमी कर दी थी।

इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इस साल अप्रैल के मुकाबले मई में ई-वे बिल में आई कमी को देखते हुए जीएसटी संग्रह में उतनी कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा, ’10 महीने के निचले स्तर पर आने के बाद भी जून के जीएसटी संग्रह के आंकड़े उत्साहजनक हैं।

वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में जीएसटी संग्रह वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले अधिक रहा है।’

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