जिन क्षेत्रों में सड़क एवं पहुंच मार्ग है, वहां आसानी से विकास पंहुचने लगता है

जिन क्षेत्रों में सड़क एवं पहुंच मार्ग है, वहां आसानी से विकास पंहुचने लगता है

अंबिकापुर (छ०गढ) –                      कहा जाता है कि किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां उपलब्ध आवागमन के साधनों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। जिन क्षेत्रों में सड़क एवं पहुंच मार्ग है, वहां आसानी से विकास पंहुचने लगता है। सरगुजा जिले में पिछले 12 वर्षो में आवागमन के साधनों के विस्तार में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।पिछले 12 वर्षो में तीन सौ से अधिक करीब डेढ़ हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण कराकर हजारों गांवो मंे  बारहमासी आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही साढ़े चार सौ किलोमीटर लम्बी सड़कांे का चौड़ीकरण कराकर आवागमन को आसान बनाया गया। विकास के लिए मूलभूत संरचनाओं का निर्माण करने हेतु मैनपाट में पुलिस प्रषिक्षण केन्द्र भवन का निर्माण, मेण्ड्राकला में सैनिक स्कूल भवन के निर्माण कराने सहित अम्बिकापुर शहर में करीब 11 किलोमीटर लम्बी रिंग रोड़ का निर्माण कराकर आवागमन को सुविधाजनक बनाया गया। इसके साथ ही दरिमा हवाई पट्टी का उन्नयन एवं नवीनीकरण का कार्य प्रगति पर है।

लोक निर्माण विभाग भवन एवं सड़क द्वारा पिछले बारह वर्षो में 13 विभिन्न निर्माण कार्य पूर्ण कराये गये, जिनमें करीब 94 करोड़ रूपये व्यय किये गये। इनमें मुख्यतः अम्बिकापुर दरिमा मार्ग का चौड़ीकरण, अम्बिकापुर में पुलिस कोआर्डिनेटर सेंटर का निर्माण, अम्बिकापुर शहर में रिंग रोड़ निर्माण, मैनपाट में पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर का निर्माण, दरिमा मैनपाट मार्ग में 23 किलोमीटर लम्बी टू लेन में सड़क चौड़ीकरण, कल्याणपुर, लटौरी, दतिमा एवं सलका मार्ग में 49 किलोमीटर में टू लेन मंे सड़क चौड़ीकरण का कार्य, लुण्ड्रा के मेण्ड्रा, हरिहरपुर, षिवपुर, करजी, बरकेला, पोड़ी, बतौली मार्ग में 13.20 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण तथा पतरातु, केवड़ी, भूटको, कराकी, प्रतापगढ़ और परसा में मॉडल स्कूल का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही 136 करोड़ 54 लाख रूपये की लागत के 16 विभिन्न निर्माण कार्य प्रगति पर है।

इनमें सोनतरई मैनपाट मार्ग में 28 किलोमीटर में टू लेन सड़क चौडीकरण, दरिमा हवाई पट्टी का उन्नयन और नवीनीकरण, अम्बिकापुर बिलासपुर मार्ग से मतरेंगा व्हाया केदमा मार्ग व्हाया सायर से केदमा मार्ग का उन्नतिकरण, अम्बिकापुर में कम्पोजिट भवन का निर्माण, मेण्ड्राकला में सैनिक स्कूल का निर्माण, बतौली महाविद्यालय भवन, अम्बिकापुर में विज्ञान महाविद्यालय भवन, अम्बिकापुर में पी.जी.कॉलेज ऑडिटोरियम भवन का निर्माण, उदयपुर में शासकीय महाविद्यालय भवन, अम्बिकापुर में नर्सिंग महाविद्यालय, मैनपाट में  आईटीआई भवन, नर्मदापुर एवं सन्नीबर्रा में माडॅल स्कूल का निर्माण और सीतापुर में आईटीआई भवन एवं सौ सीटर छात्रावास भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों के विकास में सड़कों के महत्व को दृष्टिगत रखकर 1390 किलोमीटर लम्बाई की 312 सड़कों का निर्माण कर जिले की 772 बसाहटें पक्की सड़कों से जोड़ी गई है। इसके साथ ही करीब 95 किलोमीटर लम्बी 10 सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रगतिरत इन सड़कों को मार्च 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

पांच वर्ष की संधारण अवधि पूर्ण होने पर 292.04 किलोमीटर लम्बी 57 सड़कों का नवीनीकरण किया जा चुका है और शेष 9 सड़कों के नवीनीकरण का कार्य दिसम्बर 15 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। पांच वर्ष से कम अवधि के 152 सड़कों का संधारण का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही 15 मीटर से अधिक स्पॉन वाले 19 पुल स्वीकृत है जिनमें से एक पुल का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है तथा 16 पुलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राष्ट्रीय राजमार्ग अम्बिकापुर द्वारा पिछले 12 वर्षो में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 47 कटनी-गुमला में सिंगल लेन से डबल लेन करने हेतु 318 किलोमीटर मंे सड़क चौड़ीकरण का कार्य कराया गया, जिस पर 147 करोड़ 30 लाख रूपये का व्यय हुआ।

इसके साथ ही एनएचडीपी फेज-4 के तहत कटघोरा से अम्बिकापुर सड़क चौडीकरण के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है तथा आगे की कार्यवाही जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के 331 से 362 किलोमीटर में सड़क चौड़करण में  निविदा आमंत्रित कर ली गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 अम्बिकापुर से पत्थलगांव, पत्थलगांव से कुनकुरी तथा कुनकुरी से झारखण्ड बार्डर तक सड़क चौड़ीकरण हेतु प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को भेजी गई है, जिनमें 3-डी व फारेस्ट क्लीयरेन्स स्टेज-1 का कार्य प्रगति पर है।

सरगुजा जिले के उदयपुर, लखनपुर एवं मैनपाट विकासखण्ड सहित अन्य क्षेत्रों में बनायी गयी सड़कें ग्रामवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। इनमें बिलासपुर-धनवार सड़क से मतरिंगा जिसकी लंबाई 44.50 कि.मी. है। यह सड़क सरगुजा जिले के उदयपुर बिकासखण्ड की सबसे लंबी सड़क है। यह सड़क वर्ष 2007-08 में स्वीकृत हुई। इस सड़क की कुल निर्माण लागत रू. 1875.72 लाख एवं 30 जून 2014 को कार्य पूर्ण किया गया

। इस सड़क के बनने से पहले यहां  पगडंडी मार्ग थी, जिससे ग्रामवासियों को 44.50 कि.मी. पैदल चलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस सड़क के पूर्ण होने से पहुंचविहीन बसाहटेः- मतरिंगा, सितकालो, केदमा, कुदर बसवार, मरेया, जजगी, कंुडेली के ग्रामवासियों हेतु आवगमन की सुविधा प्राप्त हुई, जो ग्रामवासियों के लिये वरदान साबित हुई है। इस सड़क के बन जाने से 999 से 500 के बीच वाली  02 बसाहटें तथा 499 से 250 के बीच वाली 03 बसाहटों को मुख्य सड़क से जोडा़ गया है, जिससे 11 हजार 789 जनसंख्या लाभान्वित हो रही है।

इसी तरह उदयपुर से पेन्ड्रखी, बिसरपानी खास से करम्हा खास,बिसरपानी खास से कदनई लोटाभवना तथा हंसड़ाड खुटनपारा से पटकुरा सड़क ग्रामवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। इन सड़कों के बन जाने से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामवासियों को जहां आवागमन में सुविधा हो रही है, वहीं उन्हें अपनी कृषि उपज को मंडी तक ले जाने में सुविधा हो रही है। इसके साथ ही ग्रामीण बच्चों को स्कूल आना-जाना भी आसान हो गया है। इन सड़कों के बन जाने से शासन की विभिन्न योजनाएं भी अब ग्रामवासियों तक पंहुचने लगी है।

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