जिंदा बाप को मार कर 20 एकड़ जमीन हड़पने की साजिश

जिंदा बाप को मार कर 20 एकड़ जमीन हड़पने की साजिश

सीधी ( विजय सिंह ) – जिले में सबसे अधिक जागरूक कहे जाने वाले चुरहट क्षेत्र के 20 एकड़ जमीन के काश्तकार मथुरा सिंह को उनके बेटों ने ही भूमिहीन बना दिया।चुरहट तहसील के राजस्व अमले की मिली भगत से मथुरासिंह के फर्जी हस्ताक्षर से बंटवारा का आवेदन बनाया गया और बाद में प्रस्तुत अन्य कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर तहसीलदार चुरहट ने बंटवारा नामांतरण का आदेश  पारित कर दिया।साल भर बाद जब मथुरा सिंह को इस फर्जीवाड़े का पता चला तो वह भौचक्क रह गये।Mathura Dada

कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने इस प्रकरण को समय सीमा में लेते हुये तत्काल राजस्व अभिलेख दुरुस्त करने का निर्देश अनुविभागीयअधिकारी (राजस्व) चुरहट को दिया है।राजस्व अभिलेखों में सुधार का कार्य तो वाजिब है, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में जिन लोगों ने कूट रचना कर आपराधि ककृत्य किया है।न्यायालय तहसीलदार चुरहट के समक्ष कूट रचित उनके विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जाना चाहिये।ताकि समाज के अन्य लोगों को सीख मिल सके।

चुरहट तहसील अंतर्ग -कठकला गांव इलाके में पढ़ा लिखा, सभ्य गांव माना जाता है।इसी गांव के स्व. श्री सूर्य नारायण सिंह व श्री रवि नंदन सिंह लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। कालांतर में श्री रवि नंदन सिंह मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता भी रहे।शासकीय सेवाओं में आय.एफ.एस. उप संचालक कृषि, शिक्षा, पुलिस, उच्च न्यायालय में अधिवक्ता, चिकित्सा व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में यहां के रहवासियों ने सेवा दी है और दे रहे  हैं।वहीं के तकरीबन 79 वर्षीय मथुरा सिंह अपने जीवन के पड़ाव के अंतिम दिनों में अपनी ही संतान के हांथों धोखाधड़ी के शिकार हो जायें ? आश्चर्य व क्षोभ होता है।

पीड़ित मथुरा सिंह ने बताया कि विग 3 वर्ष पूर्व उनकी पत्नी का इंतकाल हो चुका है  और तीन पुत्र व नाती पोतों से भरापूरा परिवार है।दो पुत्र गांव में ही रह कर खेती किसानी करते हैं, उन्हें उनकी मंशा के अनुरूप आपसी सहमति से खेती किसानी के लिये जमीन दे दी ग ई थी।एक पुत्र फौज में नौकरी पर था।सेवा निवृत्ति उपरांत छत्तीसगढ़ में स्टेट बैंक में गार्ड है और उनका परिवार सीधी में रहता है।सिर्फ उसके व अपने हिस्से की जमीन पर वह (मथुरासिंह) बंटाई पर खेती करवाते हैं।

मथुरासिंह भूमिहीन हो गये, इसका पता उन्हें जुलाई 2015 में तब चला जब उन्होंने खाद-बीज के कर्ज हेतु तहसील में खसरे की नकल का आवेदन दिया।किसी तरह उन्हें न्यायालय तहसीलदार चुरहट में निराकृत प्रकरण क्रमांक /02/ अ 29/14- 15 का पता चला तो उन्होने बंटवारा आदेश की प्रमाणित नकल हासिल की।जिसके अनुसार प्रकरण का निराकरण 07.10.2014को कर दिया गया था।

राजस्व प्रकरण के उन्मान में ही फर्जीवाड़े की शुरुआत कर दी गई थी। मथुरा सिंह तनय स्व. परिगन सि ह – आवेदक बनाम नारेन्द्र सिंह तनय स्व. मथुरासिंह वगैरह।यहां मथुरासिंह को जीवित रहते ही स्वर्गीय बना दिया गया।आर्डर सीट में उन सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने जैसे सार्वजनिक इश्तहार जारी करना, पटवारी द्वारा मथुरासिंह के ग्राम टीक ठकला स्थित 43किता आरा जी,  रकबा 8.200 हेक्टेयर की पुल्ली फांट कर मथुरासिंह के पुत्र नारेन्द्र सिंह के नाम 2.734 हेक्टेयर, गजेन्द्र सिंह के नाम 2.733 हेक्टेयर तथा राजेन्द्र सिंह के नाम 2.733 हेक्टेयर भूमि के नामांतरण हेतु मथुरासिंह सहित सभी तीनो भाईयों की सहमति व हस्ताक्षर लेने का काम किया गया।

मथुरासिंह का कहना है कि उनके द्वारा न्यायालय तहसीलदार चुरहट के यहां आपसी बंटवारा हेतु किसी तरह का आवेदन नहीं दिया गया था।पटवारी द्वारा जारी सार्वजनिक इश्तहार व बंटवरा हेतु बनाई गई पुल्ली फांट में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।यह सब पूरा फर्जीवाड़ा है। इसकी जानकारी पुत्र गजेन्द्रसिंह को भी नहीं है, क्योंकि वह छत्तीसगढ़ में रहता है।

मथुरासिंह ने बताया कि इस अवैधानिक कृत्य के विरुद्ध उन्होंने अनुविभागीय दण्डाधिकारी चुरहट के न्यायालय में अपील की है।उनकी मांग है कि न्यायालय तहसीलदार चुरहट को गुमराह कर फर्जीढंग से बंटवारा कराने वाले व्यक्तियों तथा इस पूरी पक्रिया से सम्बंद्ध राजस्व कर्मीयों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाना चाहिये।

वैसे चुरहट तहसील में राजस्व विभाग की मिली भगत से भू-माफिया सक्रिय हो चुके हैं। निर्माणाधीन झांसी-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग 75 के चुरहट बायपास में राजस्व अधिकारियों ने सर्वेक्षित मार्ग का एलायमेंट ही बदल दिया।फलस्वरूप केन्द्रीय नवोदय विद्यालय एवं आवासीय जवाहर विद्यालय के खेल के मैदान ही सड़क में आ गये। सड़क ठेकेदार ने जब काम शुरू किया तब पता चला कि पूर्व प्रस्तावित मार्ग में शिक्षण संस्थायें से तयशुदा मापदंड के अनुसार मार्ग से दूर थे, अब तो उन्हीं की जमीन से ही रोड बन रही है ? स्थानीय जनों के व्यापक विरोध के बाद कलेक्टर विशेषगढ़ पाले ने हस्तक्षेप किया, तब असलियत उजागर हुई। बावजूद इसके भी राजस्व अमले पर कारगर कार्यवाही न होने से भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

संपर्क –  स्वतंत्र पत्रकार
           19 / अर्जुन नगर सीधी
 

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