जहाँ सुख, स्नेह, भाईचारा और सदभावना नहीं रहे , ऐसा विकास स्वीकार्य नहीं हो सकता

जहाँ सुख, स्नेह, भाईचारा और सदभावना नहीं रहे , ऐसा विकास स्वीकार्य नहीं हो सकता

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जहाँ सुख, स्नेह, भाईचारा और सदभावना नहीं रहे , ऐसा विकास स्वीकार्य नहीं हो सकता। उन्होंने भौतिक प्रगति के मायने, दिशा और दशा पर विचार की आवश्यकता बताई है। श्री चौहान ने यह विचार शांति, सदभाव एवं स्वच्छ भारत के लिये प्रतिबद्ध आशा यात्रा के भोपाल आगमन पर मुख्यमंत्री निवास में गुरुश्री एम. के आध्यात्मिक सत्संग में व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भौतिकता की गलाकाट प्रतियोगिता का अंत क्या होगा। इसका उत्तर भारतीय संस्कृति में ही मिल सकता है, जहाँ धर्म का मतलब सबका सुख है। दूसरों की भलाई को ही सबसे बड़ा धर्म माना गया है। दूसरों को परेशान करने को ही सबसे बड़ा पाप बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संस्कृति ही है, जो प्राणियों में सदभावना और विश्व के कल्याण की प्रार्थना करती है। उन्होंने आशा यात्रा के प्रर्वतक गुरू श्री एम. एवं पदयात्रियों का स्वागत करते हुये कहा कि यात्रा से शांति एवं सदभाव की नई आशा और विश्वास जगा है। देश में नया वातारण बन रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुरुश्री का शॉल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। उन्होंने पुष्प-गुच्छ भेंट कर आर्कबिशप श्री लियो कार्नेलियो, ज्ञानी दिलीप सिंह, भन्तेपुत्र श्रीसकलशाक्य और सुश्री कलापनि का अभिनंदन किया।

आध्यात्मिक संध्या में गुरु श्री एम. ने कहा कि शांति, सदभाव और ज्ञान का संदेश भारत-भूमि से ही दुनिया में प्रसारित होगा। आध्यात्मिक शांति और सदभावना के ज्ञान के लिये सारी दुनिया के लोग भारत आयेंगे। उन्होंने कहा कि सर्वव्यापी ईश्वर का अंश प्रत्येक मानव के हृदय में विराजमान है। मानव स्वयं परमात्मा का मंदिर है। मानव-सेवा ही उसकी आराधना है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति कस्तूरी मृग के समान बाहरी दुनिया में सुख की खोज करता रहता है, जबकि वह उसके हृदय में ही है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने सभी धर्मों को खुले दिल से गले लगाया है। मानवता के इसी संदेश को प्रसारित करने के लिए ही आशा यात्रा शुरू की गयी है। यह पदयात्रा जनवरी 2015 में कन्याकुमारी से प्रारंभ हुयी और अप्रैल 2016 में कश्मीर पहुँचेगी। आध्यात्मिक सत्संग में गुरु श्री एम. ने भी भजन प्रस्तुत किया।

आध्यात्मिक संध्या में सुश्री कलापनि ने मालवा अंचल के भक्त कवि गोपीचंद, नाथ संत और कबीर दास के भजनों की प्रस्तुति दी। प्रारंभ से अभी तक की आशा यात्रा पर आधारित वृत्त चित्र भी दिखाया गया।

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, मुख्यमंत्री की धर्म-पत्नी श्रीमती साधना सिंह, वाणिज्य, उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह एवं गणमान्य नागरिक तथा आशा यात्रा के कोरग्रुप के सदस्य उपस्थित थे।

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