जशपुर जिलों की समीक्षा बैठक–नदी-नालों पर छोटे-छोटे बांध और डायवर्सन

जशपुर जिलों की समीक्षा बैठक–नदी-नालों पर छोटे-छोटे बांध और डायवर्सन

छत्तीसगढ———– मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का जो लक्ष्य देश को दिया गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में बारह मासी नदी-नालों पर छोटे-छोटे बांध और डायवर्सन बनाकर किसानों को उनके गांवों के आस-पास सिंचाई सुविधा दी जाएगी, ताकि कृषि उत्पादन में वृद्धि होने पर उनकी आमदनी में भी इजाफा हो सके।

मुख्यमंत्री प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के तहत आज शाम बलरामपुर-रामानुजगंज और जशपुर जिलों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बलरामपुर कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में अधिकारियों को दोनों जिलों के बारहमासी नदी-नालों में छोटे-छोटे बांध और डायवर्सन बनवाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।

डॉ. सिंह ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा – यह कार्य मनरेगा के तहत करवाया जाए। नदी नालों के किनारे जिन किसानों के खेत हैं, उन्हें छोटे बांध अथवा डायवर्सन निर्माण में श्रम दान के लिए प्रोत्साहित किया जाए। हर गांव में पांच-दस किसानों के समूह बनाकर उन्हें मनरेगा के तहत डायवर्सन के कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा-मनरेगा के तहत कुआं, डबरी और नहर लाईनिंग सहित जल संरक्षण के लिए हर प्रकार के कार्य लिए जा सकते हैं। उन्होंने शाकम्भरी योजना के तहत कुओं में सिंचाई पम्प स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए।

डॉ. सिंह ने कहा-सौर सुजला योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को अत्यंत किफायती मूल्य पर सोलर पम्प मंजूर कर रही है। बलरामपुर और जशपुर जिलों के किसानों को अधिक से अधिक संख्या में इस योजना का लाभ दिलाया जाए।

डॉ. सिंह ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके युवाओं को कौशल विकास योजना से जोड़ने और उन्हें आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिलाने की जरूरत पर भी बल दिया। डॉ. सिंह ने कहा-ऐसे युवाओं को तीन-चार महीने का प्रशिक्षण देकर उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

मुख्यमंत्री को जशपुर जिले की समीक्षा के दौरान यह जानकारी मिली की वहां के स्थानीय युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत हैंडपम्प मरम्मत के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है । डॉ. सिंह ने इसके लिए जिला प्रशासन की तारीफ करते हुए इसे प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय बताया।

उन्होंने कहा-जशपुर जिले की तरह अन्य जिलों में भी 14वें वित्त आयोग की राशि से चार-चार ग्राम पंचायतों के बीच कम से कम एक प्रशिक्षित हेण्ड पंप मैकेनिक तैनात किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार की योजनाओं के तहत गांवों में बड़ी संख्या में सिंचाई पंप, सोलर पंप आदि लग रहे हैं। इन हैण्ड पंप मैकेनिकों को सोलर पंपों की मरम्मत का भी प्रशिक्षण दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के युक्ति युक्तकरण के बाद खाली भवन का इस्तमाल कौशल प्रशिक्षण, उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस वितरण केन्द्र आदि के रूप में करने के निर्देश दिए।

उन्होंने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर पेयजल आपूर्ति बनाए रखने के लिए लोक स्वास्थ्य यांात्रिकी विभाग के अधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की नल-जल योजनाओं को सोलर पंपों से संचालित किया जाए।

डॉ. सिंह ने सभी निर्माण कार्यो को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इस बार दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं की मेरिट सूची में और जे.ई.ई. की मुख्य परीक्षा में जशपुर जिले के विद्यार्थियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। डॉ. सिंह ने इसके लिए इन छात्र-छात्राओं सहित जशपुर कलेक्टर को भी बधाई दी।

बैठक में गृह जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, सरगुजा के लोक सभा सांसद श्री कमलभान सिंह, राज्यसभा सांसद श्री रामविचार नेताम, बलरामपुर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा नेताम, प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती शहला निगार, जशपुर जिले के प्रभारी सचिव डॉ. रोहित यादव, सरगुजा संभाग के कमिश्नर श्री टी.सी. महावर, कलेक्टर बलरामपुर श्री अविनाश शरण, जशपुर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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