जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की मुख्य उपलब्धियां ः वर्षांत समीक्षा 2016

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय की मुख्य उपलब्धियां ः  वर्षांत समीक्षा 2016

पेसूका—— केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत हाइब्रिड वार्षिक वृत्ति आधार पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसका उद्देश्य भारत में अपशिष्ट जल क्षेत्र में सुधार लाना है।
· नमामी गंगे कार्यक्रम को लागू करने में तेजी लाने की दिशा में एक प्रमुख पहल के रूप में गंगा टास्क फोर्स बटालियन की पहली कंपनी को गढ़मुक्तेश्वर में तैनात किया गया था।
· नमामी गंगे कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों, अनिवासी भारतीयों, भारतीय मूल के व्यक्तियों, संस्थाओं और कॉरपोरेट्स को गंगा संरक्षण में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए ‘स्वच्छ गंगा कोष’ की स्थापना की। 4 मार्च, 2016 तक स्वच्छ गंगा कोष में कुल 87.69 करोड़ रुपए का योगदान प्राप्त हुआ।
· नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा संरक्षण के लिए एक कार्यान्वयन समझौते पर 16 अप्रैल, 2016 को जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा जर्मनी की जर्मन इंटरनेशनल कोरपोरेशन (जीआईजेड) के बीच नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे।
· जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन ने इंडियन इंस्टीट्यूट कानपुर (आईआईटीके) के सहयोग से गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र (सीजीआरबीएमएस) की नई दिल्ली में औपचारिक शुरूआत की घोषणा की।
· कुल 808.23 एमएलडी क्षमता वाली 34 परियोजनाओं के तहत एनजीआरबीए कार्यक्रम की शुरूआत से अब तक गंगा बेसिन राज्यों में 41 सीवेज उपचार संयंत्र विकास/ पुनर्वास स्वीकृत किए गए।
· राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की अधिकारप्राप्त संचालन समिति (ईएससी) ने घाटों और शमशान घाटों के विकास के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 2446 करोड़ रुपये है।
· जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने गंगा अधिनियम मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। न्यायमूर्ति श्री गिरधर मालवीय (सेवानिवृत्त) को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
· राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) की अधिकारप्राप्त संचालन समिति ने लगभग 400 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न परियोजनाओं अपनी मंजूरी दी है।
· जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने नमामी गंगे कार्यक्रम के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
· केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गंगा नदी (संरक्षण, सुरक्षा और प्रबंधन) प्राधिकरण आदेश 2016 को मंजूरी दे दी है। इस आदेश में त्वरित तरीके से नीति और कार्यान्वयन के लिए एक नए संस्थागत ढांचे का प्रावधान किया गया है और राष्ट्रीय स्वच्छ मिशन को स्वतंत्र और जवाबदेह तरीके से अपने कार्य का निर्वहन करने के लिए सशक्त बनाया गया है।
· मंत्रालय ने पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय को चालू चालू वित्त वर्ष के दौरान स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत गंगा कार्य योजना को लागू करने के लिए 315 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
· सरकार ने जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा दिए गए विकासात्मक ऋणों के रूप में यमुना की परियोजनाओं के लिए 496.90 करोड़ रुपये राशि की वित्तीय सहायता का लाभ उठाया।
· 30 सितंबर, 2016 के अनुसार नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत 128 परियोजनाएं (एनजीआरबीए कार्यक्रम के तहत स्वीकृत मौजूदा परियोजनाओं सहित) स्वीकृत की गई इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 9419 करोड़ रुपये है।

नदी विकास
· उपग्रह चित्रों के आधार पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में पैलियो-चैनलों पर एक अध्ययन का आयोजन किया। इस अध्ययन से पता चला है कि पैलियो-चैनल्स हिमालय के साथ-साथ अरावली पहाड़ियों से शुरू होकर और दक्षिण की तरफ बढ़कर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात राज्यों में प्रवाहित होते हैं।
· ब्रह्मपुत्र बराक नोर्थइस्ट रिवर डेवलपमेंट कोरपोरेशन (बीबीएनईआरडीसी) नामक निगम के गठन के लिए एक संशोधित विधेयक का मसौदा तैयार किया गया है।

जल संसाधन
· केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने घोषणा की है कि जल मंथन सम्मेलन अब प्रतिवर्ष आयोजित किया जाएगा।
· ‘सतत जल प्रबंधन के लिए एकीकृत दृष्टिकोण’ विषय पर जल मंथन-2 सम्मेलन नई दिल्ली में 24 फरवरी, 2016 को आयोजित किया गया था।
· मौजूदा बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (डीआरआईपी) से सीखे गए सबक पर एक कार्यशाला का 19 फरवरी, 2016 को नई दिल्ली में आयोजन किया गया था।
· जल संसाधन मंत्रालय के लिए संसाधनों का कुल आवंटन 2015-16 में 7,431 करोड़ रुपये था। इसे बजटीय सहायता और बाजार उधारी के माध्यम से केंद्रीय बजट में वर्ष 2016-17 में बढ़ाकर 12,517 करोड़ रुपये कर दिया गया। यह आवंटन में 168 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है।
· भारत जल सप्ताह के चौथे संस्करण का 04 से 08 अप्रैल, 2016 तक आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने नई दिल्ली में किया था।
· जल फिल्म महोत्सव का नई दिल्ली में वाटर एक्सपो 2016 के अवसर पर 8 मार्च, 2016 को आयोजन किया गया था।
· सरकार ने विश्व बैंक द्वारा दी गई 3,679.77 करोड़ रुपये सहायता से एक बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना के रूप में केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना को मंजूरी दी थी।
· केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने साहिबगंज, झारखंड में 13 मई, 2016 को गंगा नदी के संरक्षण के लिए नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्वच्छता पहलों के लिए नौ परियोजनाओं का शुभारंभ किया था।
· प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी के साथ 10 जून, 2016 को पश्चिमी अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के चिस्त-ए-शरीफ में अफगान-भारत मैत्री बांध (सलमा बांध) का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया था।
· केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने महानदी बेसिन में विभिन्न जल संसाधन मुद्दों/ परियोजनाओं पर विचार करने के लिए नई दिल्ली में ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सरकारों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक का आयोजन केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती द्वारा 26 जुलाई, 2016 को संसद में दिए दए आश्वासन के अनुपालन में किया गया था।
· सरकार ने नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत “गंगा ग्राम” नामक नई पहल की शुरूआत की है। इस कार्यक्रम के तहत स्थायी स्वच्छता के बुनियादी ढांचे और साफ-सफाई प्रक्रियाओं के विकास से गांवों को मॉडल गांवों के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में सरकार ने 306 गांवों में गंगा ग्राम पहल की शुरुआत कर दी है।
· जल संसाधन, केंद्रीय मंत्री, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दस महत्वपूर्ण शहरों में स्मार्ट गंगा नगर योजना का शुभारंभ किया। ये शहर हैं – हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर।
· जल संसाधन, केंद्रीय मंत्री, नदी विकास और गंगा संरक्षण सुश्री उमा भारती ने कानपुर में गंगा बैराज पर नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत 560 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न परियोजनाओं की शुरूआत की।
· जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने बेसिन की जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए कावेरी बेसिन दौरा करने हेतु एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम का गठन किया था। केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री जी. एस. झा को इस टीम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
· त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत 99 प्राथमिकता वाली सिंचाई परियोजनाओं के लिए केन्द्रीय सहायता के रूप में राज्यों को 1500 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई।

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